डॉक्टर की पत्नि ने सजाया घर
जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश घोरे की पत्नी लीना घोरे ने अपने घर को कबाड़ की सामग्री से सजाया है और गार्डन भी बनाया है। लीना बताती है कि बीएससी के साथ ही बॉटनी उनका विषय रहा है। जिससे हमेशा से ही मन में पेड़-पौधों से लगाव रहा है। पहले निजी मकान में रहते थे,जिससे जगह की कमी होने से कुछ नहीं पर पाते थे। बैतूल विकास नगर में सरकारी आवास मिला है। यहा पर भरपूर जगह होने से अपने शौक के माफिक कबाड़ की वस्तुओं में पौधे तैयार कर घर को सजाया है। लीना ने बताया कि पुराने टायर, प्लास्टिक की बॉटल, केन, मटके, गडग़े आदि में पौधों तैयार किए हैं। कबाड़ की चीजों को आकर्षक बनाकर घर की सजावट में इसका उपयोग किया है। कबाड़ से बनाई सामग्री में लगे पौधे घर की शोभा बढ़ा रहे हैं।
जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश घोरे की पत्नी लीना घोरे ने अपने घर को कबाड़ की सामग्री से सजाया है और गार्डन भी बनाया है। लीना बताती है कि बीएससी के साथ ही बॉटनी उनका विषय रहा है। जिससे हमेशा से ही मन में पेड़-पौधों से लगाव रहा है। पहले निजी मकान में रहते थे,जिससे जगह की कमी होने से कुछ नहीं पर पाते थे। बैतूल विकास नगर में सरकारी आवास मिला है। यहा पर भरपूर जगह होने से अपने शौक के माफिक कबाड़ की वस्तुओं में पौधे तैयार कर घर को सजाया है। लीना ने बताया कि पुराने टायर, प्लास्टिक की बॉटल, केन, मटके, गडग़े आदि में पौधों तैयार किए हैं। कबाड़ की चीजों को आकर्षक बनाकर घर की सजावट में इसका उपयोग किया है। कबाड़ से बनाई सामग्री में लगे पौधे घर की शोभा बढ़ा रहे हैं।
घर के अंदर और बाहर भी लगाए पौधे
लीना घोरे द्वारा पौधों को लगाने में खासतौर से पर्यावरण का भी ध्यान रखा है। घर के अंदर ऐसे पौधों को सजाकर लगाया गया है जो कि 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं। घर के बाहर भी गार्डन में कई औषधीय पौधे लगाए गए हैं। लगभग दो सैकड़ा पौधों लगाकर गार्डन तैयार किया है।
लीना घोरे द्वारा पौधों को लगाने में खासतौर से पर्यावरण का भी ध्यान रखा है। घर के अंदर ऐसे पौधों को सजाकर लगाया गया है जो कि 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं। घर के बाहर भी गार्डन में कई औषधीय पौधे लगाए गए हैं। लगभग दो सैकड़ा पौधों लगाकर गार्डन तैयार किया है।
स्वयं तैयार करती है खाद
लीना ने बताया कि उनके पति डॉ जगदीश घोरे और दोनों बेटियां इशिका व पूर्वांशा भी इसमें मदद करती है। उन्होंने बताया कि पौधों के लिए जैविक खाद भी स्वयं के द्वारा घर में ही बनाई जाती है। इसके लिए घर के पीछे गड्ढा किया है। इसी का उपयोग पौधों के लिए किया जाता है।
लीना ने बताया कि उनके पति डॉ जगदीश घोरे और दोनों बेटियां इशिका व पूर्वांशा भी इसमें मदद करती है। उन्होंने बताया कि पौधों के लिए जैविक खाद भी स्वयं के द्वारा घर में ही बनाई जाती है। इसके लिए घर के पीछे गड्ढा किया है। इसी का उपयोग पौधों के लिए किया जाता है।