Police arrested the accused
बैतूल। बेटी का गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश करने वाले आरोपी आरक्षक को पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को पुलिस आरोपी की धरपकड़ करने के लिए उसके घर पर पहुंची थी। आरोपी को पकड़कर थाने लगाया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी आरक्षक दीलिप पंवार की पत्नी लक्ष्मी पंवार ने थाने में गुरुवार को एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया था कि गुरुवार को जब वह अपने भाई से मिलने उसके घर पर गई थी तब आरोपी आरक्षक दीलिप द्वारा बेटी को अकेला पाकर उसे जान से मारने की नियत से गला दबाकर लात-घूसों से मारपीट की गई थी। आरक्षक द्वारा उसकी लड़की और छोटे लड़के को जलाने का प्रयास भी कर चुका है। कई बार आरक्षक दीलिप द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी गई।आरोपी आरक्षक के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध भी थे। जिसके कारण वह अक्सर घर में मारपीट और गालीगलौच करता था। गुरुवार सुबह हुई लड़की से मारपीट की घटना के बाद गंज पुलिस ने आरोपी आरक्षक के विरूद्ध भादवि की धारा ४९८ए, ४९४, २९४, ३२३ और ५०६ के तहत मामला दर्ज कर उसकी गिफ्तारी की।
कंकाल की शिनाख्त,आरोपी भी पकड़े
बैतूल। आशापुर- खंडवा मार्ग महूपानी के पास २७ जून को एक कंकाल मिला था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की थी। मर्ग कायम कर जांच में लिया था। पुलिस ने कंकाल की पहचान कर ली है। मृतक दामजीपुरा क्षेत्र का बताया जा रहा है। क्षेत्र के ही सात लोगों ने मिलकर हत्या की थी। पुलिस मामले का खुलासा जल्द करेगी। करीबी लोगों द्वारा हत्या की घटना को अंजाम देकर शव को जंगल में लाकर फेंक दिया था।
नहीं आई जांच रिपोर्ट
बैतूल। एडीजे और बेटे की हत्या के मामले में जहर को लेकर अभी तक रिपोर्ट नहीं है। एडीजे महेन्द्र कुमार त्रिपाठी और बेटे अभियान की मौत संदिग्ध जहर से हुई है। मृतकों को कौन सा जहर दिया गया था। इसकी जांच के लिए आटे का संैपल भेजा गया है। लेकिन अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो सकी है। एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि अभी रिपोर्ट नहीं आई है। आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
धोखाधड़ी का आरोप
बैतूल। मुलताई तहसील के ग्राम बिरुलबाजार निवासी मनोज कुमार पाटिल ने सचिव और सहायक सचिव पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इस संबंध में कलेक्टर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में बताया कि संबल योजना के लिए आवेदन किया था। सचिव और सहायक सचिव द्वारा घर बैठे ही सर्वे कर पात्र होने के बाद भी अपात्र बता दिया। पाटिल ने बताया कि उनके नाम से कोई जमीन नहीं होने के बाद अपात्र कर दिया है। सत्यापन में एक हैक्टेयर से अधिक जमीन होना बताया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने बताई जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। सचिव और सहायक सचिव द्वारा अपात्रों के नाम जोड़कर उन्हें लाभ दिया जा रहा है।