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20 दिन बाद हुई तेज बारिश, सतपुड़ा डैम के तीन गेट दो फीट तक खुले

locationबेतुलPublished: Sep 22, 2018 12:07:18 pm

Submitted by:

rakesh malviya

शुक्रवार को मानसून सक्रिय नजर आया। शाम के समय तेज बारिश हुई। लगभग दो घंटे तेज बारिश से सडक़ों नालियों में पानी भर आया

After 20 days of heavy rain, three gates of Satpura dam open up to two

20 दिन बाद हुई तेज बारिश, सतपुड़ा डैम के तीन गेट दो फीट तक खुले

बैतूल. लंबे इंतजार के बाद फिर एक बार शुक्रवार को मानसून सक्रिय नजर आया। शाम के समय तेज बारिश हुई। लगभग दो घंटे तेज बारिश की वजह से सडक़ों और नालियों में पानी भर आया। इस बारिश को फसलों के लिहाज अधिक फायदेमंद नहीं बताया जा रहा है। किसानों का मत है कि पहले बारिश होती तो फायदा हो सकता था। बारिश से पिछले बोवनी वाले कुछ प्रतिशत किसानों को फायदा होगा। इधर अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में भी शुक्रवार बारिश हुई। बारिश से जलसंकट से काफी हद तक राहत मिल सकती है। शहर में शाम को ५ मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं सतपुड़ा डेम का लेबल 10 एमएम बढऩे पर तीन गेट 2-2 फीट की ऊंचाई पर खोल दिए गए। दो गेटों से तवा नदी में प्रति सेकंड 3700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे तवा नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए।
15 दिन पहले बारिश होती तो होता फायदा
किसान पुरुषोत्तम सरले ने बताया कि अभी जो बारिश हो रही है ऐसी बारिश १० से १५ दिन पहले होती तो किसानों को फायदा होता है। बारिश नहीं होने की वजह फसल भर नहीं पाई है। अनाज बारीक हो गया है। इससे उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। उत्पादन कम होगा। सरले ने बताया कि बारिश से लेट बोवनी वाले कुछ किसानों को फायदा हो सकता है। अच्छी बारिश होती है डैम में पानी आता है। रबी की फसल को सिंचाई के लिए पानी मिल सकता है। बारिश से जलसंकट के हिसाब से ठीक है। पिछले वर्ष बारिश कम हुई थी, लेकिन डैमों में पानी आ गया था। इस बार डैमों में भी पानी नहीं आया है। जिससे सिंचाई के लिए भी पानी नहीं मिलेगा। वहीं यह बारिश पिछले वर्ष की तुलना में भी कम है। पिछले वर्ष तक अभी तक जिले में ६३६.६ मिमी बारिश दर्ज की थी। इस वर्ष बारिश ५१५.५ मिमी पर ही पहुंची है। जिले के अन्य ब्लॉकों में भी बहुत ही खराब है। सिर्फ घोड़ाडोंगरी ब्लॉक ही ऐसा है जहां पिछले वर्ष के लगभग बारिश हुई है।
भौंरा में बाजार प्रभावित
भौंरा में भी दोपहर दो बजे से बारिश हो रही है। शाम के समय तेज बारिश शुरू हो गई थी। लगभग दो घंटे तेज बारिश होने से साप्ताहिक बाजार प्रभावित हुआ। दुकानदारों को खासा परेशान होना पड़ा। जिले के अधिकांश भागों में बारिश हुई है। बोरदेही, भारतभारती में भी शाम के समय बारिश हुई। रानीपुर में भी एक घंटा शाम को बारिश होने से किसान खुश नजर आए। किसानों का कहना था कि बारिश से फसलों को फायदा होगा।
सतपुड़ा डैम के तीन गेट से छोड़ा 5550 क्यूसेक पानी
सारनी. एक पखवाड़े बाद शुक्रवार को झमाझम बरसात हुई। इससे मौसम में जहां ठंडक घुल गई। वहीं लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। सुबह से ही बादल छाए रहे। दोपहर तक बूंदाबांदी का दौर चला। शाम को करीब दो घंटे तक जोरदार बरसात हुई। इससे पहाड़ी क्षेत्रों से निकलने वाले नाले बहने लगे। वहीं सतपुड़ा डेम का लेबल 10 एमएम बढऩे पर 5:30 बजे तीन गेट 2-2 फीट की ऊंचाई पर खोल दिए गए थे। वहीं रात में तेज बारिश होने के कारण फिर सतपुड़ा डैम के तीन गेट खोले गए। बताया जाता है कि तीन गेट दो-दो फीट खोलकर प्रति सेकंड 550 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे तवा नदी में बाढ़ जैसे हालात रहे। तवा नदी के नांदिया घाट और शिवनपाठ रपटे पर बाढ़ का पानी आने से आवागमन बाधित रहा। वहीं सारनी और आसपास क्षेत्र में देर रात तक बारिश हो रही थी। तीन ओर पहाड़ी क्षेत्रों से 2575 एकड़ क्षेत्रफल में फैले सतपुड़ा जलाशय में छिन्दवाड़ा जिले और पहाड़ी क्षेत्रों का पानी अचानक पहुंचने से शाम 5 बजे तक लेबल 10 एमएम तक बढ़ गया है। जिसे मेंटेंन करने तीन गेट खोले गए हैं। सतपुड़ा जलाशय की जल भरण क्षमता 1433 फीट है।
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