scriptआठ साल से क्यों रुका था डिप्टी कलेक्टर का वेतन… | After 8 Years Later Deputy Collector get Payment in Betul | Patrika News

आठ साल से क्यों रुका था डिप्टी कलेक्टर का वेतन…

locationबेतुलPublished: Sep 17, 2017 02:22:34 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

सरकार ने जिले में जिसको जनता का हक दिलाने के लिए तैनात किया, वही न्याय के लिए भटकती रही

Payment done

After eight years found justice

बैतूल. सरकार ने जिस डिप्टी कलेक्टर को जिले की जनता को न्याय दिलाने के लिए बुरहानपुर में तैनात किया था वही डिप्टी कलेक्टर खुद अपने वेतन के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाती रही। फिर भी सुनवाई नहीं हुई तो उसने मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में गुहार लगाई और करीब आठ साल बाद उसे सीएम के हस्तक्षेप से न्याया मिला।
दरअसल डिप्टी कलेक्टर प्रगति वर्मा डिप्टी कलेक्टर से पूर्व महिला बाल विकास विभाग मेंबैतूल के चिचोली में सुपरवाइजर थीं। इस दौरान कार्य पर उपस्थिति और छुट्टी लेने के बावजूद वेतन काट लिया था। वेतन के लिए डिप्टी कलेक्टर ने कई बार शिकायत की इसके बाद भी विभाग के अधिकारी इसे टालते रहे। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर भी विभाग के अधिकारी हेल्पलाइन में झूठी जानकारी देते हैं। लेबल थ्री पर ज्वाइंट डायरेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर को भुगतान कराया।
डिप्टी कलेक्टर प्रगति वर्मा ने बताया कि 25 अप्रैल 17 को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी झूठी जानकारी देते रहे। कार्य पर उपस्थित नहं होने का हवाला देकर वेतन बकाया होने से इनकार कर दिया। इसके बाद भी वर्मा वेतन के लिए संघर्ष करते रही। शिकायत के लवल थ्री पर पहुंचने के बाद आखिकर वेतन को लेकर सुनवाई हुई। ज्वाइंट डायरेक्ट शिवकुमार शर्मा ने पूरे मामले को दिखवाया। इसके के लिए बैतूल पहुंचे। 13 सितंबर 2017 को वेतन की बकाया राशि 46 हजार 970 रुपए खाते में मिली है। दस हजार रुपए की राशि समयोजन के तहत काटी गई है।
प्रगति वर्मा ने बताया कि वह पहले महिला बाल विकास विभाग में संविदा पद पर पर्यवेक्षक थी। कार्य पर उपस्थित होने और अवकाश लेने के बाद भी अधिकारियों ने जून 2009 से मई 2011 तक वेतन काटा। तेरह महीने तक लगातार वेतन काटते रहे। आखिरी के सात महीने में तो वेतन का भुगतान ही नहीं किया। 56 हजार 970 रुपए वेतन की मांग को लेकर परियोजना अधिकारी से लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी तक कई बार शिकायत की गई। हर बार अधिकारियों ने काम पर उपस्थित नहीं होने का हवाला देकर वेतन बकाया नहीं होने की बात कही।
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