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खेतों तक रास्ता नहीं बनाने से नाराज किसानों ने कलेक्टर कार्यालय में किया हंगामा

locationबेतुलPublished: Sep 25, 2023 08:54:40 pm

Submitted by:

rakesh malviya

- कहा जल्द मांगें पूरी नहीं हुई तो चक्काजाम और चुनाव का बहिष्कार करेंगे

खेतों तक रास्ता नहीं बनाने से नाराज किसानों ने कलेक्टर कार्यालय में किया हंगामा
हरदा. कलेक्टर कार्यालय परिसर में प्रदर्शन करते किसान।
हरदा. राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के निर्माण के दौरान कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने किसानों के खेतों तक पहुंचने के रास्तों को बंद कर दिया है, जिसके कारण किसान अपने खेतों की फसल कटाई नहीं कर पा रहे हैं। जबकि इस संबंध में कई बार विभाग को अवगत कराया जा चुका है। वार्ड नंबर 35 के उड़ा से हरदाखुर्द तक वार्ड 33 तक दोनों तरफ सर्विस रोड बनवाया जाए। जिले में अधिक बारिश के कारण सोयाबीन की फसल नष्ट हो चुकी है, जिसका तत्काल सर्वे कराकर मुआवजा वितरण आरबीसी 6-4 के तहत किया जाए। अगर खेतों तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं बनाया गया तो नेशनल हाइवे पर वाहनों का चक्काजाम और चुनाव का बहिष्कार करेंगे। यह चेतावनी भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण टाले, प्रदेश सचिव बसंत रायखेरे सहित किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में धरना देते हुए अधिकारियों को दी।
फोरलेन बनाने अधिग्रहित की थी जमीन
किसानों ने बताया कि उड़ा से लेकर चारखेड़ा, टेमागांव मार्ग तक फोरलेन निर्माण के लिए एनएचएआई ने उनकी जमीन अधिग्रहित की थी। जिसमें कई किसानों के खेतों में यह मार्ग बन चुका है। लेकिन विभाग ने हरदा से टेमागांव तक करीब 200 से अधिक किसानों के खेतों तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं छोड़ा है। अधिकांश किसानों के खेत एक-दूसरे के लगे हुए हैं। जिन्हें फसल कटाई के लिए हार्वेस्ट्रर तक ले जाने में परेशानियां हो रही हैं। निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 47 की ऊंचाई 10 से 15 फिट हो गई है। मगर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने किसी भी खेत में जाने के लिए रैंप एवं सर्विस रोड नही बनाई है। कई स्थानों पर रैलिंग लगा दी गई है, जिससे किसानों को खेत में जाने का कोई विकल्प नहीं बचा है।
कलेक्टर से मिलने को लेकर अड़े रहे किसान
खेती करने में आ रही परेशानियों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन कर अपनी आवाज उठाई। विभिन्न गांवों के बड़ी संख्या में किसान बाइक रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। करीब एक घंटे तक किसान कलेक्टर से ही मिलने को लेकर अड़े रहे, लेकिन मीटिंग होने के कारण वे नहीं आए। जिस पर उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दोपहर करीब 1.45 बजे कलेक्टर ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल को बुलवाकर उनसे चर्चा की। किसानों ने शीघ्र बीमा और राहत राशि खाते में डालने की मांग की। वहीं खेतों में पहुंचने के लिए रास्ता बनाने का अनुरोध किया। जिस पर कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने एचएचआई से खेतों तक रास्ता बनाने के लिए बजट प्रपोजल बुलवाया है, जिसे शासन को भेजकर फंड की मांग की जाएगी, ताकि उससे किसानों के खेतों तक रास्ता तैयार किया जा सके।
किसानों ने कहा....
जब किसी किसान की जमीन पर कब्जा हो जाता है तो वह प्रशासन से शिकायत करने के लिए जाते हैं, लेकिन अब प्रशासन ने ही उनके खेत तक जाने का रास्ता बंद कर दिया है तो अब किसके पास जाए। इसलिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।
संजय भायरे, किसान
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विभाग ने फोरलेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की थी, जिसमें मेरे खेत के बीच में से सड़क बन गई है, लेकिन अब जितनी जमीन बची है, उस पर खेती करने के लिए रास्ता ही नहीं बचा है। सभी किसान जैसे-तैसे खेतों में जाकर फसल ऊगा रहे हैं।
पवन दुगाया, किसान
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राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने फोरलेन बनाने के दौरान किसानों के बारे में नहीं सोचा। यदि इसे बनाने के समय ही हमारे खेतों तक जाने का रास्ता बना दिया जाता तो आज खेत में खड़ी फसल को काटने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। लेकिन विभाग ने अनदेखी की।
बृजमोहन बांके, किसान
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आज किसान बारिश से खराब हुई फसल को लेकर परेशान है, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने फोरलेन बनाने में उनके खेतों का रास्ता ही बंद कर दिया। ऐसे में किसान कैसे खेती करेगा। रास्ता निर्माण और बीमा, राहत राशि किसानों को देने के लिए धरना दिया गया।
बसंत रायखेरे, प्रदेश सचिव भारतीय किसान यूनियन
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