सुनीलम ने कहा है कि किसानों के मामले में दाम-दुपट का 1918 का कानून लागू होता है। किसानों से मूलधन से अधिक की वसूली नहीं की जा सकती है, हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने बैंकिंग कानून में भी 21-ए के तहत अधिक ब्याज होने पर किसानों को अदालत में जाने की छूट दी गई है इस फैसले के लिए दायर याचिका किसंस के द्वारा की गई है।
सुनीलम ने शासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुलताई क्षेत्र के अधिकांश किसान ओलावृष्टि से प्रभावित है लेकिन मुआवजे अभी तक नहीं मिला है। इसके अलावा विगत चार वर्षों से फसल बीमा भी किसानों को नहीं मिलने से किसान पूरी तरह टूट गया है ऐसी स्थिति में बैंकों द्वारा वसूली अमानवीय है। सुनीलम द्वारा किसानों के खिलाफ नीलामी एवं कुर्की की कार्रवाई का विरोध करते हुए संबन्धित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।