सतपुड़ा को होता है आपूर्ति – वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड पेंच, कन्हान क्षेत्र की खदानों से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी को रोडसेल के जरिए कोयला आपूर्ति होता है। 24 घंटे डंपर चलते हैं। घने जंगल वाले क्षेत्र में डंपरों को रोककर उसमें 100 से 300 क्विंटल तक कोयला निकाल लिया जाता है। प्रति डंपरों से इतना कोयला निकालकर नालों में छुपा दिया जाता है। फिर मौके का फायदा उठाकर इसी कोयले को 6 से 7 हजार रुपए प्रति टन के हिसाब से बेच दिया जाता है। इस खेल में स्थानीय लोग भी जुड़े हैं।
कोयला संकट से जूझ रहा प्लांट- प्रदेश के प्रमुख प्लांटों में से एक सतपुड़ा ताप विद्युत गृह एक साल से कोयला संकट से जूझ रहा है। खपत अनुरूप कोयला नहीं मिलने पर लंबे समय तक प्लांट की एक इकाई को बंद रखी गई। जिन दिनों प्रदेश में सर्वाधिक बिजली की मांग रही। उन दिनों में ही लगातार इकाई बंद रखी गई। वजह कोयला संकट था। इस बीच भी सतपुड़ा को आपूर्ति होने वाले कोयले में सेंध लगती रही और इस गोरखधंधे से जुड़े लोग मालामाल होते रहे।