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बिना डॉक्टर चल रहा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

locationबेतुलPublished: Oct 05, 2018 04:00:33 pm

Submitted by:

pradeep sahu

एक माह से केन्द्र में नहीं है चिकित्सक

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बिना डॉक्टर चल रहा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

बैतूल. विनोबा नगर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले एक माह से डॉक्टर नहीं है। आरबीएसके के तहत डॉक्टर द्वारा यहां पर मरीजों का इलाज किया जाता है, लेकिन उन पर शहर के आंगनबाड़ी, छात्रावास और स्कूल की जिम्मेदारी है। जिससे वे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पर्याप्त समय नहीं दे पाते हंैं।
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ मिशन के तहत मलिन बस्तियों में इलाज की व्यस्था के लिए विनोबा नगर में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला गया है। दोपहर १२ बजे से रात आठ बजे तक इलाज की सुविधा दी जाती है। वर्ष २०१४ में खोले इस केन्द्र पर जिला अस्पताल से रिटायर हुए एके त्रिवेदी को नियुक्त किया था। डॉ त्रिवेदी के पूरे समय बैठने से यहां पर आने वाले मरीजों की संख्या भी अच्छी खासी हो गई थी। पिछले एक माह से डॉ त्रिवेदी द्वारा यहां पर अपनी सेवाएं नहीं दी जा रही है। क्षेत्र के लोगों कैलाश मेटकर, योगेश मराठा का कहना है कि पहले यहां पर डॉक्टर बैठते थे, तो इलाज हो जाता था। अब डॉक्टर ही नहीं मिलते हैं। डॉक्टर भी देरी से आते हैं। जिसकी वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ता है। कई बार तो डॉक्टर ही नहीं मिलने की वजह से मरीजों को वापस लौटना पड़ता है।
गाड़ी अस्पताल के पिछले गेट पर खड़ीकर पैदल निरीक्षण करने पहुंचे
बैतूल. बीते दस दिनों में कलेक्टर शशांक मिश्र द्वारा दूसरी बार जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया है। इस बार कलेक्टर जिला अस्पताल के मुख्य गेट से प्रवेश न करते हुए नेहरू पार्क के पास स्थित पिछले गेट से पैदल ही अंदर भ्रमण करते हुए अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने गाड़ी पार्क के पास ही खड़ी करवा दी थी। कलेक्टर के अचानक अस्पताल पहुंचने से चिकित्सकीय स्टाफ में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई थी। कलेक्टर ने रात साढ़े नौ बजे वार्डों का भ्रमण किया। इस दौरान नर्स टेबल में गंदगी, निडिल एवं सीरिंज पड़े होने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए नर्सों को सफाई करने की हिदायत दी। डॉक्टरों को वार्ड के सभी मरीजों से दोनों टाइम बात करने के लिए निर्देशित किया। कुछ मरीजों का कहना था कि डॉक्टर केवल सुबह ही देखने के लिए आते हैं। कलेक्टर ने समस्त एसडीएम एवं तहसीलदार को प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्र के अस्पतालों का निरीक्षण करने की हिदायत भी दी।
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