scriptभूमि का कैरम और मुस्कान का शतरंज में राष्ट्रीय स्तर पर चयन | bhumi selection of carrom and muskan in chess at national level | Patrika News

भूमि का कैरम और मुस्कान का शतरंज में राष्ट्रीय स्तर पर चयन

locationबेतुलPublished: Oct 20, 2019 11:15:22 pm

Submitted by:

yashwant janoriya

मुलताई से पहली बार कैरम और शतरंग में राष्ट्रीय स्तर खेलेंगी छात्राएं

खाद्य विभाग की कार्रवाई, पांच दुकानों से लिए सैंपल

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मुलताई. पवित्र नगरी में कभी भी प्रतिभाओं की कमी नहीं रही है, तमाम समस्याओं के बावजूद प्रतिभाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर शहर का नाम रोशन किया है। फिलहाल नगर के गुरूकुल विद्या मंदिर की दो छात्राओं ने क्रमश: कैरम व शतरंज में राज्य स्तर पर अव्वल रही हैं जिससे अब ये छात्राएं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगी। खेल शिक्षक महेश खत्री ने बताया कि जबलपुर में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 14 आयु वर्ग में गुरूकुल की छात्रा भूमि ओंकार ने कैरम में प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है वहीं इसी स्कूल से 14 आयु वर्ग में मुस्कान पंवार ने होशंगाबाद में आयोजित शतरंग प्रतियोगिता में बाजी मारी है। अब दोनों ही छात्राएं दिसंबर में राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रदर्शन करेंगी। वहीं अब खेल शिक्षक द्वारा दोनों छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस संबंध में गुरूकुल प्राचार्य अतुल बारंगे ने बताया कि खेल शिक्षक प्रीतम खोड़े के निर्देशन में दोनों छात्राएं लंबे समय से तैयारी कर रही थी जिसका नतीजा छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन के रूप में सामने आया है। इधर छात्राओं ने इस उपलब्धि का श्रेय खेल शिक्षक महेश खत्री सहित शाला परिवार व परिजनों को दिया गया है।
विश्वस्तर पर कैरम में परचम लहराना चाहती है भूमि
बचपन से ही कैरम में रूचि रखने वाली नगर के इंजीनियर नवीन ओंकार की पुत्री भूमि ओंकार ने बताया कि कैरम उनका शौक ही नहीं जूनून हैं। जब वे कक्षा तीसरी में अध्ययनरत थी तभी उनका चयन राज्य स्तर के लिए हो गया था जिसके बाद वे लगातार प्रतियोगिताओं में शामिल होती रही तथा चार बार राज्यस्तर पर चयन होने के बाद भी जब राष्ट्रीय स्तर के लिए चयन नहीं हुआ तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए कड़ी तैयारी की जिसका सुखद परिणाम सामने आया और वे अब राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करेंगी। भूमि ने बताया कि उनके दादा रामदयाल ओंकार ने ही उन्हे कैरम में पारंगत किया है जिससे वे उनके मार्गदर्शन में विभिन्न प्रतियोगिताओं में चुनौतियों का सामना कर रही है।
शह और मात के खेल ने जगाई शतरंज में रूचि
बचपन में जहां शतरंज में प्यादे को देखकर उन्हें खिलौने समझने वाली मुस्कान को तब यह नहीं पता था कि एक दिन यही प्यादे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए पहुंचाएंगे। पेशे से वकील जयप्रकाश पंवार की पुत्री मुस्कान पंवार ने बताया कि शह और मात के इस खेल ने उनकी शतरंज में रूचि जगाई। शुरूआत में जब वे अपने पिता को शतरंज खेलते देखती तो अक्सर उनसे इस खेल के बार में पूछा करती थी। बेटी की शतरंज के प्रति इस उत्सुकता को पिता ने हाथों-हाथ लिया और उसे शतरंज में पारंगत कर दिया। मुस्कान ने बताया कि स्कूल की ओर से भी उन्हें सहयोग मिला। बैतूल के अमित सोनी ने भी उन्हे शतरंज की बारिकियां सिखाई जिससे वे यह मुकाम हासिल कर पाई।
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