पदाधिकारियों से जीतने की संभावना अनुसार प्रत्याशी के नाम पूछे गए थे। यानि जिसके जीतने की सबसे ज्यादा संभावना रही वह नाम पहले लिखा गया। इसके अलावा जो खुद दावेदार रहे उन्हें अपना नाम लिखकर देने की छूट नहीं थी। उन्हें अन्य संभावित प्रत्याशी का नाम लिखकर देना पड़ा।
जिन्हें रहना था बैठक में उनके नाम पढ़कर सुनाए
बैठक की शुरुआत में उन लोगों के नाम पढ़कर सुनाए गए जिन्हें वहां अधिकृत रूप से मौजूद रहना था। यह सूची प्रदेश कार्यालय से दी गई थी। इस स्थिति में बैठक से वे लोग स्वत: बाहर हो गए जिन्हें पहले आमंत्रण मिला था।
पूर्व मंत्री कमल पटेल, नपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन के अलावा हिमांशु मौर्य, डॉ. विशाल सिंह बघेल, भाजपा जिला प्रवक्ता अशोक गुर्जर और आरएसएस से जुड़े पुरुषोत्तम पटेल।
विधायक संजय शाह के साथ ही गजेंद्र शाह व उनकी पत्नी अंजना शाह दावेदार हैं। अंजना वर्ष 2008 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थीं। तब संजय शाह निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने थे।