वॉटर वेडिंग मशीन में क्वाइन की जगह पन्नी फंसाने से सर्किट फेल होने पर बंद हो गई मशीनें
बेतुलPublished: Mar 26, 2019 09:22:05 pm
यात्रियों की सुविधा के लिए आईआरसीटीसी द्वारा बैतूल रेलवे स्टेशन पर वॉटर वेडिंग मशीनें लगाई गई है लेकिन पिछले चार महीनों से यह मशीनें बंद पड़ी है। कारण बताया जा रहा है कि मशीन का ऑटोमेटिक क्वाइन सिस्टम पन्नी डालने की वजह से खराब हो चुका हैं।
बैतूल। गर्मी का मौसम परवान चढ़ चुका हैं और तापमान ३५ डिग्री से ऊपर जा पहुंचा है ऐसे में गला तर करने के लिए ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को महंगी पानी की बोतलों पर निर्भर होना पड़ रहा है। हालांकि यात्रियों की सुविधा के लिए आईआरसीटीसी द्वारा बैतूल रेलवे स्टेशन पर वॉटर वेडिंग मशीनें लगाई गई है लेकिन पिछले चार महीनों से यह मशीनें बंद पड़ी है। कारण बताया जा रहा है कि मशीन का ऑटोमेटिक क्वाइन सिस्टम पन्नी डालने की वजह से खराब हो चुका हैं। दो बार इंजीनियर द्वारा मशीन के अंदर ऑटोमेटिक सिस्टम को संचालित करने वाले सर्किट को बदला गया है लेकिन बार-बार खराब हो रहा है जिसके कारण मशीन बंद पड़ी है। वैसे मशीनों के बंद होने का एक बड़ा कारण ट्रेनों के अंदर चलने वाले वेंडरों और स्टेशनों में मौजूद केटिंनों को फायदा पहुंचाने के लिए भी बताया जा रहा है। ताकि यात्री जरूरत पडऩे पर महंगी दरों पर पानी की खरीदी कर सके। जो स्थिति है उसमें बैतूल रेलवे स्टेशन पर लगाई गई दो वॉटर वेडिंग मशीने महीनों से बंद पड़ी है। जिसे सुधारने की कोशिश नहीं की जा रही है।
ठेके पर संचालित है मशीनें
आईआरसीटीसी(इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन लिमिटेड)द्वारा बैतूल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक एवं दो पर एक-एक वॉटर वेडिंग मशीनें लगाई गई है यह मशीनें महीनों से बंद पड़ी है जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। यात्रियों का कहना है कि उन्होंने मशीने तो लगी देखी है लेकिन आज तक इसका संचालन होते नहीं देखा। मशीनों के संचालन की जिम्मेदारी ठेके पर संचालित है लेकिन कोई नजर नहीं आता है। ट्रेन में सफर करने वाले यात्री स्टेशन पहुंचने पर वेडिंग मशीन की तरफ बोतल लेकर भागते हैं ताकि ठंड पानी सस्ती दरों पर मिल सके लेकिन पहुंचने पर पता चलता है कि मशीन बंद पड़ी है। ऐसे में रेलवे द्वारा संचालित पेयजल सेवा से ही काम चलाना पड़ता है या फिर वेंडरों से ठंडी पानी की बोतल खरीदना पड़ती है।
इसलिए मशीनों को सुधार नहीं जा रहा है
वाटर वेडिंग मशीनों के बंद पड़े होने की मुख्य वजह कमीशनबाजी से जुड़ी है। यदि मशीनों को सुधारकर चालू कर दिया जाता है तो गर्मी के सीजन में ट्रेनों के अंदर एवं स्टेशनों पर ठंडे पानी की बोतलों की बिक्री से होने वाला लाखों का धंधा चौपट हो जाएगा। यही कारण है कि मशीनें शोपीस के लिए लगा तो दी गई, लेकिन इनका संचालन नहीं किया जा रहा है। यदि कोई पूछताछ करता भी है तो तकनीकी कारण बता दिए जाते हैं। इस व्यवस्था के चलते हर साल गर्मी के सीजन में ठंडे पानी की बोतलों का कारोबार करोड़ों रुपए की आय का जरिया बन गया है। जिसमें ऊपर से नीचे तक सभी की हिस्सेदारी भी शामिल होती है।