scriptकॉलेजों को कायाकल्प की राशि का इंतजार | Colleges await rejuvenation amount | Patrika News
बेतुल

कॉलेजों को कायाकल्प की राशि का इंतजार

जिले में संचालित चार महाविद्यालयों के विकास के लिए विश्व बैंक की ओर से करीब ८० करोड़ की राशि मिलनी है। राशि को लेकर कॉलेजों द्वारा पिछले दो वर्ष से इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद भी विश्व बैंक द्वारा राशि आवंटित नहीं की जा रही है।

बेतुलSep 28, 2019 / 09:26 pm

ghanshyam rathor

 Development work to be done in JH college.

Development work to be done in JH college.


बैतूल। जिले में संचालित चार महाविद्यालयों के विकास के लिए विश्व बैंक की ओर से करीब ८० करोड़ की राशि मिलनी है। राशि को लेकर कॉलेजों द्वारा पिछले दो वर्ष से इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद भी विश्व बैंक द्वारा राशि आवंटित नहीं की जा रही है। विश्व बैंक से राशि नहीं मिलने के कारण पिछले दो वर्षो से कॉलेजों में नए कार्य आरंभ नहीं हो सके है। वर्तमान में कॉलेजों में छात्रों के अनुपात में संसाधन कम होने से छात्रों अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों के अनुपात में कक्ष कम होने से छात्रों बैठाने की हो रही है। विश्व बैंक से मिलने वाली अर्थिक सहायता से कॉलेजों में नए कक्षों का निर्माण किया जाना है, जिससे छात्रों के लिए कक्ष मिल सके। शाहपुर, भैंसदेही, जेएच और गल्र्स कॉलेज की ओर से विश्व बैंक से मिलने वाली राशि को लेकर ्रप्रस्ताव बनाकर भेजा है।
लेबोटरी और स्मार्ट क्लास बनेगी
विश्व बैंक की ओर से जेएच कॉलेज, गल्र्स कॉलेज ,शासकीय कॉलेज शाहपुर और भैंसदेही को १६ से २० करोड़ की राशि मिलनी है। कॉलेजों को मिलने वाली इस राशि से नए निर्माण कार्य होना है। जिसमें मुख्य रूप से लैब के लिए सामग्री खरीदी की जाना है, जिन कॉलेजों में सांइस विषय संचालित है वहा पर लेबोटरी का निर्माण होना है। कॉलेजों में अत्यआधिक पढ़ाई से जोडऩे के लिए स्मार्ट क्लॉस का निर्माण किया जाना है। साथ ही कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय का निर्माण किया जाना है।
छात्र ट्रेकिंग और मरम्मत की मिली राशि
विश्व बैंक की ओर से मिलने वाली राशि सहायता से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों में अध्यापन कार्य पूरा कर चुके छात्रों को रोजगार से जोडऩे के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत कॉलेज में अध्यापन करने वाले पूर्व छात्र जो वर्तमान में बेरोजगार है, उनकी ट्रेकिंग कर उन्होंने रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है,जिसके लिए प्रत्येक कॉलेजों को २ लाख रूपए आंवटित किए है। वहीं कॉलेजों के पूर्व के भवनों के मरम्मत के लिए भी ३-३ लाख लाख रूपए आंवटित किए गए है।
इनका कहना
कायाकल्प को लेकर विश्व बैंक को प्रस्ताव भेजा गया है। विश्व बैंक से मिलने वाली राशि से विकास कार्य होने है। जल्द ही राशि मिलने का इंतजार है।
डॉ केआर मगरदे, प्राचार्य जेएच कॉलेज बैतूल।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो