सर्वर डाउन: एक सप्ताह से कनेक्टीविटी बंद-चालू से बढ़ी खाताधारकों की परेशानी
बेतुलPublished: Oct 31, 2018 11:48:49 am
फोरलेन निर्माण में कट रही ओएफसी केबल
एक सप्ताह से कनेक्टीविटी बंद-चालू ने बढ़ाई परेशानी
सारनी. नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं मिलने से बैंकों का कामकाज ठप है। एक-दो दिन नहीं बल्कि एक सप्ताह से शाहपुर से लेकर सारनी तक सभी बैंकों के सर्वर डाउन चल रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी एसबीआई शाखा के खाताधारकों को हो रही है। दरअसल सबसे ज्यादा बैंक खाते व एटीएम एसबीआई के ही है। ऐसे में बैंकों, एटीएम के कनेक्टिविटी नहीं मिलने से सर्वर डाउन चल रहे हैं। इससे लेनदेन प्रभावित हो रहा है। सबसे ज्यादा परेशान औद्योगिक नगरी के खातेधारक हो रहे हैं। दरअसल नगरीय क्षेत्र में दर्जन भर से अधिक एटीएम है, लेकिन किसी से भी रुपए नहीं निकल रहे हैं। वहीं बैंकों में कतारबद्ध होकर लोग अपनी बारी का इंतजार तो करते हैं, लेकिन सर्वर डाउन होने से मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। नकदी की समस्या होने से व्यापार भी ठप पड़ गया है। दिवाली का त्योहार सामने होने से सभी लोगों को रुपए की जरूरत पड़ रही है, लेकिन एटीएम और बैंकों से रुपए नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी है।
बैंकों के चक्कर काटने पर मजबूर- त्योहार के समय बैंकों और एटीएम के सर्वर डाउन होने से खाता धारकों को रुपए के लिए बैंकों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। बावजूद इसके रुपए नहीं मिलने से लोग आक्रोशित हो रहे हैं। एटक यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकांत चौधरी बताते हैं कि सर्वर डाउन की समस्या एक सप्ताह से है। शहर के किसी भी एटीएम से रुपए नहीं निकल रहे हैं लोग परेशान हो रहे हैं। मेरे द्वारा इस मामले की शिकायत एसबीआई शाखा प्रबंधक से भी की गई है।
बार-बार कट रही केबल- बैतूल से औबेदुल्लागंज तक चल रहे फोरेलन निर्माण कार्य चल रहा है। खुदाई के दौरान जेसीबी से ओएफसी केबल कट रहे हैं। सबसे ज्यादा बरेठा, शाहपुर और भौंरा के बीच केबल कट रही है। इससे सिर्फ बैतूल जिले के एसबीआई नेटवर्क पर ही नहीं बल्कि इटारसी में भी सर्वर डाउन की समस्या उत्पन्न हो रही है। बहरहाल बीएसएनएल की इटारसी और बैतूल जिले की टीम केबल जोडऩे में जुटी है। जब तक सड़क निर्माण के लिए खुदाई का कार्य जारी रहेगा तब तक इस तरह की समस्या से जूझना पड़ेगा। बीएसएनएल के नेटवर्क की समस्या मोबाइल फोन में भी है। बीएसएनएल के नेटवर्क से पुलिस विभाग, बिजली विभाग, वन विभाग के अलावा उपभोक्ता भी परेशान है।