scriptबाहर से आए लोगों के कारण जिले में बढ़े कोरोना के मरीज | Corona patients increased in the district due to people from outside | Patrika News

बाहर से आए लोगों के कारण जिले में बढ़े कोरोना के मरीज

locationबेतुलPublished: Jul 16, 2020 11:47:14 am

Submitted by:

yashwant janoriya

प्रमुख सचिव ने स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण

प्रमुख सचिव ने स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण

प्रमुख सचिव ने स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण

बैतूल. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई बुधवार को बैतूल दौरे पर थे। उन्होंने बैतूल आने के पूर्व हाइवे ६९ से लगे शाहपुर, घोड़ाडोंगरी, बैतूलबाजार स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण कर वहां का जायजा लिया। बुधवार को प्रमुख सचिव बैतूल पहुंचे। उनका यह निरीक्षण जिले में अचानक तेजी से बढ़े कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए बताया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव ने कोविड से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं और व्यवस्थाअेां के बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों से जानकारी ली। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि लॉक डाउन खुलने से प्रदेश के बाहर से आए लोगों के कारण कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है। खासकर युवा वर्ग कोरोना की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए लोगों को जितनी सावधानी बरतनी चाहिए उतनी नहीं बरत रहे हैं।यदि लोग स्वयं बीमार पडऩा चाहते हैं तो इसमें प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर सकता। हम इलाज भर का इंतजाम कर सकते हैं।
कोरोना अभियान पर सीएमएचओ ने दी सफाई
जि ले में किल कोरोना अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों को लेकर जब मीडिया ने प्रमुख सचिव को हकीकत से आगाह कराया तो सीएमएचओ डॉ. प्रदीप धाकड़ पूरे मामले में सफाई देते नजर आए। दरअसल में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग यह दावा कर रहा है कि जिले भर में एक जुलाई से 15 जुलाई के मध्य किल कोरोना अभियान चलाया जाकर डोर-टू-डोर लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाकर जांच की गई है लेकिन शहरी क्षेत्र में लोगों के घरों तक टीम ही नहीं पहुंची और न ही थर्मल स्क्रीनिंग की गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं जरूर आई लेकिन वे भी गेट से नाम-पता और बीमारी का पूछकर बाहर से लौट गई। ऐसे में अभियान की सफलता को लेकर ही सवाल खड़े हो गए है। मामले में प्रमुख सचिव द्वारा जब सीएमएचओ से मामले में सवाल-जवाब किया गया तो वे फाइल में पन्ने पलटकर आंकड़ों की बाजीगिरी दिखाते नजर आए। एक बात तो तय है कि किल कोरोना अभियान लोगों के घरों तक पहुंचा ही नहीं और पहुंचा भी तो स्क्रीनिंग नहीं हो पाई। दरअसल में सर्वे में लगी कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को थर्मल स्क्रीनिंग मशीनें ही नहीं दी गई थी। रजिस्टर और पेन लेकर ही पूरा सर्वे निपटा दिया गया।
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