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दुग्ध समिति ने किसानों का दूध खरीदने से किया इंकार

locationबेतुलPublished: Oct 14, 2018 11:50:33 am

Submitted by:

rakesh malviya

समिति के सचिव से किसान परेशान

Dairy committee refuses to buy farmers' milk

दुग्ध समिति ने किसानों का दूध खरीदने से किया इंकार

बैतूल. किसानों को दूध का सही दाम नहीं मिलने के कारण किसान परेशान हो रहे है। ग्राम महुपानी के किसानों ने शनिवार को जिला प्रशासन को शिकायत कर ग्राम में संचालित दुग्ध सहकारी समिति के सचिव को पद से हटाने की मांग की है। ग्राम के कृषक हिरदयराम यादव ने बताया कि वर्ष 2017 से दुग्ध सहकारी समिति संचालित है। समिति में समिति के सदस्यों के साथ ही किसानों से दूध खरीदा जाता था, लेकिन अब सचिव द्वारा किसानों का दूध कम दामों पर खरीदा जा रहा है। सचिव द्वारा किसानों को 10 रूपए लीटर दूध के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। सचिव के व्यवहार से दुग्ध विक्रेता परेशान हो रहे है। दूध के भाव को लेकर सचिव से पूछताछ करने पर दुग्ध विक्रेताओं के साथ में विवाद की स्थिति बन गई है। ग्राम के मिथलेश राजपूत का कहना है कि समिति में महुपानी, बोधी, जूनावानी और डेकरा के किसानों द्वारा दूध बेचा जाता है। सचिव के मनमानी के कारण क्षेत्र के किसानों का दुग्ध खरीदना बंद कर दिया है। दुग्ध केंद्र की समिति में 42 सदस्य पंजीकृत है। समिति द्वारा इन सदस्यों से ही दुग्ध का क्रय किया जा रहा है।
11 वर्षो से सचिव चला रहा समिति
दुग्ध उत्पादक किसान सीताराम , कमलेश यादव, कोमल यादव ने बताया कि ग्राम में वर्ष 2007 से समिति संचालित है, जब से ही किसानों के साथ में भेदभाव किया जा रहा है। पिछले 11 वर्षो से समिति के अध्यक्ष और सचिव की साठ-गाठ से चल रही है। दुग्ध समिति के रिकार्ड की जांच कर दोषी सचिव के खिलाफ में कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं किसानों का कहना है कि भोपाल सहाकरी दुग्ध संघ मार्या. द्वारा एक सूचना पत्र जारी किया गया है, जिसमें समिति के सदस्यों से ही दूध खरीदने की बात कही गई है। समिति के बहार के किसानों से दुध लेने से इंकार किया है, साथ ही किसी अन्य संस्था में व्यापारियों से दुध नहीं खरीदने के लिए पत्र जारी किया है, इसके बावजूद भी इसके द्वारा अपने परिवार एवं रिश्तेदारों को उक्त समिति के सदस्य बना की दूध खरीदा जा रहा है। समिति में एक परिवार से तीन-तीन सदस्य बने है, जिसमें यहा गाय भैंस नहीं है, उनकों सदस्य बनाया गया है। दूध बेचने वाले किसानों द्वारा कई बार समिति का सदस्य बनाने की मांग की, लेकिन सचिव के मनमानी के कारण किसानों को सदस्य नहीं बनाया जा रहा है।
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