नेपाल बॉर्डर पर सेवा देगी बेटी,गांव पहुंचने पर हुआ स्वागत
भारतीय सेना में हुआ चयन।
गांव के बच्चों के साथ की तैयारी।
बेतुल
Published: April 30, 2022 09:33:18 pm
फोटो। टे्रेनिंग के बाद अपने गांव पहुंची बेटी का जोरदार स्वागत किया गया।
सांईखेड़ा/बैतूल। अपने साथ में पढऩे वाले सहेली का सेना में चयन हुआ तो मुलताई क्षेत्र के ग्राम बांडियाखापा निवासी बेटी ज्योति कवडक़र के मन में भी आया कि वह भी सेना में नौकरी करेगी। ज्योति ने तैयारी शुरु की। गांव के ही बच्चों के साथ सुबह उठकर सडक़ों पर दौड़ लगाई और व्यायाम किया। एक वर्ष की मेहनत में ही ज्योति का सेना में चयन हो गया। टे्रनिंग के बाद ज्योति को नेपाल बॉर्डर के ग्राम बलरामपुर में पोस्टिंग मिली है। गांव की एक मात्र बेटी का सेना में चयन होने से पूरा गांव खुश है। टे्रनिंग के बाद गांव पहुंचने पूरे गांव ने मिलकर बेटी का स्वागत किया।
सेना में आरक्षक के पद पर चयनित हुई ज्योति कवडक़र के मामा रामानंद माथनकर ने बताया कि ज्योति के पिता सूरेश कवडक़र एक छोटे वर्ग के किसान है। उनकी दो बेटी ही है। बड़ी बेटी ज्योति का भारतीय सेना में चयन हुआ है। वही छोटी बेटी फॉर्मेसी की पढ़ाई कर रही है। रामानंद ने बताया ज्योति ने जब सेना में जाने की इच्छा जताई तो पूरे परिवार से सहयोग किया। ज्योति ने सेना में जाने के लिए तैयारी शुरु कर दी। गांव के ही छोटे-छोटे बच्चों के साथ वह गांव की सडक़ पर सुबह ही दौडऩे निकल जाती थी। रोजाना दो से तीन घंटे व्यायाम करती थी। सेना में भर्ती निकली तो ज्योति को लेकर पहुंचे। उसका पहली ही बार में चयन हो गया। पढऩे में शुरु से होनहार होने ज्योति लिखित परीक्षा में भी पास हो गई है। ज्योति ने टे्रनिंग पूरी की,उसे नेपाल बॉर्डर पर बलरामपुर में पोस्टिंग भी मिल गई है। जिसके बाद ज्योति के गांव आने पर स्वागत किया गया। ज्योति गांव की पहली बेटी जो कि सेना में हैं। गांव का कोई युवक भी सेना में नहीं है। ज्योति ने बताया वह आगे भी मेहनत करेगी और देश की रक्षा करेगी। गांव की अन्य बेटियों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करेगी।

Daughter will serve at Nepal border, welcome on reaching village,Daughter will serve at Nepal border, welcome on reaching village
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