बेतुलPublished: Dec 11, 2022 10:18:41 pm
Shailendra Sharma
सामाजिक परंपराओं की बंदिशों को तोड़ बेटियों ने पिता की अर्थी को कांधा दिया..
बैतूल. बैतूल जिल के कालापाठा क्षेत्र में रविवार को बेटियों ने सामाजिक परंपरा की बंदिशों को तोड़ते हुए अपने बुजुर्ग पिता की मौत के बाद न केवल उनकी अर्थी को कंधा दिया, बल्कि शमशान तक पहुंचाते हुए बेटे बेटियों की खाई को पाटने का काम किया। यूं कहे कि रुंधे गले और बहते आसुओं के बीच पुरुष प्रधान समाज में बेटियों ने एक उदाहरण पेश कर बता दिया कि बेटा-बेटी समान होते हैं। साबित कर दिया कि बेटे और बेटियां में कोई फर्क नहीं होता है। बेटियों को सामाजिक परंपराओं की बेड़ियों में बंधे रहने की बात अब पुरानी हो गई है। आज की बेटियों ने सामाजिक परम्पराओं की बंदिशों को तोड़ते हुए बेटों को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया है।