छत पर सेंटिंग डालते वक्त हाईटेंशन लाइन में झुलसा हितग्राही
ओझाढाना निवासी ५५ वर्षीय एकराज ओझा पीएम आवास योजना के तहत अपना पक्का मकान बना रहा है। आज सुबह वह मिस्त्री के साथ छत पर सेंटिंग बिछा रहा था। इसी दौरान ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से झुलस गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि छत से चार फीट की ऊंचाई पर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। अचानक लाइन के संपर्क में आने से उसका शरीर और कपड़े जलने लगे और बेहोश होकर वह गिर पड़ा। हादसे को देख साथ में काम कर रहे मिस्त्री ने किसी तरह से कूदकर अपनी जान बचाई। हादसे के तत्काल बाद परिजन एकराज को ऑटो में बैठाकर जिला अस्पताल उपचार के लिए ले गए। करंट से शरीर का करीब ७० प्रतिशत हिस्सा जलना बताया जा रहा है।
ओझाढाना निवासी ५५ वर्षीय एकराज ओझा पीएम आवास योजना के तहत अपना पक्का मकान बना रहा है। आज सुबह वह मिस्त्री के साथ छत पर सेंटिंग बिछा रहा था। इसी दौरान ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से झुलस गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि छत से चार फीट की ऊंचाई पर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। अचानक लाइन के संपर्क में आने से उसका शरीर और कपड़े जलने लगे और बेहोश होकर वह गिर पड़ा। हादसे को देख साथ में काम कर रहे मिस्त्री ने किसी तरह से कूदकर अपनी जान बचाई। हादसे के तत्काल बाद परिजन एकराज को ऑटो में बैठाकर जिला अस्पताल उपचार के लिए ले गए। करंट से शरीर का करीब ७० प्रतिशत हिस्सा जलना बताया जा रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार विभाग
नपा सीएमओ प्रियंका सिंह का कहना था कि राजस्व विभाग द्वारा गलत तरीके से लोगों को क्षेत्र में पट्टे बांट दिए गए। हाईटेंशन लाइन के नीचे पट्टे नहीं देना था। चूंकि गरीबों को पट्टा दिया गया था इसलिए आवास योजना का लाभ दिया जाना जरूरी था। हमें योजना की प्रगति रिपोर्ट शासन को भेजना पड़ती है इसलिए हितग्राहियों को किस्त जारी करने के बाद समय-पर मकान बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
विविकं के अधीक्षण यंत्री जीएस भरदया का कहना था कि हाईटेंशन लाइन सालों पुरानी है। अवैधानिक रूप से लोग यहां बस गए हैं। चूंकि यह एरिया आबादी क्षेत्र से घिरा हुआ है और सभी जगह मकान बन गए हैं तो ऐसे में लाइन को न तो शिफ्ट किया जा सकता है और न ही पोलों की ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है। लोगों को हाईटेंशन लाइन के नीचे किसी प्रकार का कंस्ट्रक्शन नहीं करना चाहिए। यदि कोई नियम विरूद्ध तरीके से हाईटेंशन लाइन के नीचे निर्माण कर रहा है तो हमारी जवाबदेही नहीं बनती है।
राजस्व विभाग के तहसीलदार वैधनाथ वासनिक का कहना था कि हाईटेंशन लाइन के नीचे लोगों को पट्टे नहीं बांटे हैं। लोगों ने पट्टे आसपास लिए हो और मकान हाईटेंशन लाइन के नीचे बना रहे हो। यदि हाईटेंशन लाइन के नीचे पट्टे बांटे भी हैं तो नपा को चाहिए था कि वह आवास की मंजूरी नहीं देती। योजना का लाभ देने से पूर्व नपा को यह देखना चाहिए था कि ऊपर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है वहां निर्माण की अनुमति नहीं देना चाहिए।
नपा सीएमओ प्रियंका सिंह का कहना था कि राजस्व विभाग द्वारा गलत तरीके से लोगों को क्षेत्र में पट्टे बांट दिए गए। हाईटेंशन लाइन के नीचे पट्टे नहीं देना था। चूंकि गरीबों को पट्टा दिया गया था इसलिए आवास योजना का लाभ दिया जाना जरूरी था। हमें योजना की प्रगति रिपोर्ट शासन को भेजना पड़ती है इसलिए हितग्राहियों को किस्त जारी करने के बाद समय-पर मकान बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
विविकं के अधीक्षण यंत्री जीएस भरदया का कहना था कि हाईटेंशन लाइन सालों पुरानी है। अवैधानिक रूप से लोग यहां बस गए हैं। चूंकि यह एरिया आबादी क्षेत्र से घिरा हुआ है और सभी जगह मकान बन गए हैं तो ऐसे में लाइन को न तो शिफ्ट किया जा सकता है और न ही पोलों की ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है। लोगों को हाईटेंशन लाइन के नीचे किसी प्रकार का कंस्ट्रक्शन नहीं करना चाहिए। यदि कोई नियम विरूद्ध तरीके से हाईटेंशन लाइन के नीचे निर्माण कर रहा है तो हमारी जवाबदेही नहीं बनती है।
राजस्व विभाग के तहसीलदार वैधनाथ वासनिक का कहना था कि हाईटेंशन लाइन के नीचे लोगों को पट्टे नहीं बांटे हैं। लोगों ने पट्टे आसपास लिए हो और मकान हाईटेंशन लाइन के नीचे बना रहे हो। यदि हाईटेंशन लाइन के नीचे पट्टे बांटे भी हैं तो नपा को चाहिए था कि वह आवास की मंजूरी नहीं देती। योजना का लाभ देने से पूर्व नपा को यह देखना चाहिए था कि ऊपर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है वहां निर्माण की अनुमति नहीं देना चाहिए।