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सितंबर माह में सर्वाधिक 9354 मेगावाट रही मांग

locationबेतुलPublished: Sep 20, 2018 11:17:01 am

Submitted by:

rakesh malviya

मप्र के इतिहास में 18 सितंबर का दिन बेहद खास रहा, दरअसल इस दिन सर्वाधिक 9,354 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई।

9 number units will remain closed in coal salts

सितंबर माह में सर्वाधिक 9354 मेगावाट रही मांग

सारनी. मप्र के इतिहास में 18 सितंबर का दिन बेहद खास रहा। दरअसल इस दिन सर्वाधिक 9,354 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई। वर्ष 2017 में इसी दिन 7,439 मेगावाट बिजली की मांग थी। यानी की एक साल में1915 मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी है। मांग बढऩे की वजह अल्पवर्षा और सरकार की बिजली योजना है। जानकार बताते हैं कि बिजली की मांग अमूमन अक्टूबर से दिसंबर माह के बीच बढ़ती है। लेकिन इस वर्ष अल्पवर्षा होने से सितंबर माह में ही अक्टूबर-नवंबर माह की तर्ज पर बिजली की मांग बढ़ गई है। खासबात यह है कि मांग बढऩे के साथ ही प्रदेश के प्रमुख प्लांटों में कोयला संकट भी गहराने लगा है। सिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा को छोड़ दिया जाए तो सभी पॉवर प्लांटों में कोयला संकट जैसे हालात है। सतपुड़ा पॉवर प्लांट सारनी में महज 66 हजार मीट्रिक टन कोल स्टॉक है। इसी तरह के हालात सभी पॉवर प्लांटों के हैं।
घटाना पड़ रहा लोड –
सतपुड़ा पॉवर प्लांट में कोयला संकट की वजह से इकाइयों का लोड समय-समय पर घटाया बढ़ाया जा रहा है। पिक ऑवर में लोड बढ़ाया जा रहा है। वहीं बाकी समय कम लोड पर इकाइयां चलाई जा रही। सतपुड़ा में मौजूदा हालात 18 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत हो रही है। जबकि एक इकाई बंद है। यह इकाई चालू होते ही खपत बढक़र 21 हजार मीट्रिक टन के करीब पहुंच जाएगी। जबकि प्लांट को रोजाना 12 हजार मीट्रिक टन कोयला आपूर्ति हो रहा है। रेलवे से दो रैक यानी की करीब 8 हजार और रोडसेल व कन्वेयर बेल्ट लाइन के जरिए 5 हजार मीट्रिक टन कोयला सतपुड़ा में पहुंच रहा है।
लाइटअप होगी 11 नंबर यूनिट –
250 मेगावाट की 11 नंबर इकाई बुधवार देर रात लाइटअप होगी जो गुरुवार अलसुबह तक लोड पर आएगी। इलेक्ट्रिकल फाल्ट की वजह से यह इकाई बंद हो गई थी। 11 नंबर यूनिट चालू होने से सतपुड़ा के विद्युत उत्पाद में सुधार आएगा। फिलहाल 6, 7, 8, 9 नंबर इकाई को 175-175 मेगावाट के लोड पर चलाया जा रहा है। वहीं 250 मेगावाट की 10 नंबर इकाई पूरी क्षमता पर चल रही है। कोयला संकट की वजह से समय-समय पर चार इकाइयों का लोड घटाया, बढ़ाया जा रहा है।

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