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मप्र में एक हजार मेगावाट तक घटी बिजली की मांग

locationबेतुलPublished: Jul 25, 2019 11:00:13 pm

Submitted by:

pradeep sahu

सतपुडा पावर प्लांट

मप्र में एक हजार मेगावाट तक घटी बिजली की मांग

मप्र में एक हजार मेगावाट तक घटी बिजली की मांग

सारनी. प्रदेश के कई जिलों में बारिश होने से मप्र में एक हजार मेगावाट तक बिजली की मांग घट गई है। बुधवार तक मप्र में 9 हजार 500 मेगावाट के आसपास बिजली की मांग रही। वहीं गुरुवार को डिमांड घटकर 8 हजार 400 मेगावाट तक आ पहुंची। दोपहर बाद डिमांड घटकर 8 हजार मेगावाट से भी नीचे आ गई। मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के जानकार बताते हैं कि 24-25 जुलाई को प्रदेश के कई जिलों में बारिश होने से डिमांड घट रही है। गुरुवार सुबह के समय सबसे कम बिजली की मांग पूर्वी मप्र में रही। इसकी वजह पूर्वी क्षेत्र में बारिश होना है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी से गुरुवार को 825 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हुआ। यहां की 6,7,8, 9 और 10 नंबर इकाई से उत्पादन लिया जा रहा है।
घटने लगा कोल स्टॉक : बिजली घर सारनी के यार्डों में एक माह पहले तक कोल स्टॉक 1 लाख 60 हजार मीट्रिक टन के आसपास था जो बिजली की मांग बढऩे पर घटकर मौजूदा हाल में 1 लाख 6 हजार मीट्रिक टन पर पहुंचा गया है आज भी सतपुड़ा प्लांट को खपत के अनुरूप कोयला नहीं मिल रहा। रोजाना 4 रैक कोयले की जरूरत है जबकि एवरेज आपूर्ति दो रैक ही है। इधर 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाई चालू होने पर सतपुड़ा में एक बार फिर कोयला संकट गहराने से इनकार नहीं किया जा सकता है। बढ़ती कोयले की खपत और नुकसान को देखते हुए बीते दिनों कंपनी मुख्यालय पर बैठक में निर्णय लिया कि सतपुड़ा की चार छोटी में से कोई भी एक इकाई लगातार बंद रखकर घाटे को कम किया जा सकता है। इन दिनों अल्पवर्षा के चलते प्रदेश में बिजली की मांग अधिक है। इस वजह से सतपुड़ा की चार छोटी इकाइयां चलाई जा रही है।
इनका कहना है…
सतपुड़ा की 6 में से 5 इकाइयां चल रही है। जिनसे 820 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हो रहा है। 11 नंबर इकाई संधारण कार्य के लिए बंद है। कोल स्टॉक 1 लाख 8 हजार मीट्रिक टन के करीब है। खपत के अनुरूप कोयला नहीं मिल रहा।
अमित बंसोड़, पीआरओ, सारनी
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