पढ़े, कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों ने देशी जुगाड़ से जेल में तैयार कराई पीपीई किट
बेतुलPublished: Apr 04, 2020 08:58:46 pm
कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश भर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए पीपीई किट की डिमांड काफी बढ़ गई है। ऐसे में देश में किट की कमी को देखते हुए बैतूल जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा देशी जुगाड़ लगाकर ३५ पीपीई किटों (पर्सनल प्रोटेक्ट इक्विपमेंट)का निर्माण कराया गया है। जो सरकारी किट के मुकाबले में काफी सस्ती और सुरक्षात्मक है।
Staff nurse demonstrating PPE kit prepared in jail
बैतूल। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश भर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए पीपीई किट की डिमांड काफी बढ़ गई है। ऐसे में देश में किट की कमी को देखते हुए बैतूल जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा देशी जुगाड़ लगाकर ३५ पीपीई किटों (पर्सनल प्रोटेक्ट इक्विपमेंट)का निर्माण कराया गया है। जो सरकारी किट के मुकाबले में काफी सस्ती और सुरक्षात्मक है। किट बनाने का काम जेल के अंदर बंदियों द्वारा किया जा रहा है। इस किट का प्रदर्शन शनिवार को सांसद डीडी उईके, आमला विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे, रेडक्रास समिति अध्यक्ष डॉ जयसिंहपुरे, सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा सहित अन्य चिकित्सकों के सामने किया गया। किट को क्रमबद्ध तरीके से पहनने का तरीका भी बताया गया।
महज १५० रुपए में बनकर तैयार हुई पीपीई किट
कोरोना पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीपीई किट का निर्माण डॉक्टरों द्वारा महज १५० रुपए में कराया गया है। जबकि इस किट का सरकारी रेट १२६० रुपए है। इस किट को बनाने में १२० रुपए सामग्री और ३० रुपए सिलाई पर खर्च आया है। जिला अस्पताल को ३५ किट तैयार होकर मिल चुकी हैं। इस किट में फुट कवर, बॉडी कवर गाउन, प्लास्टिक एप्रॉन कवर शामिल है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा १५० पीपीई किट बनने के आर्डर दिए गए हैं। बताया गया कि सांसद निधि से इन पीपीई किटों का निर्माण कराया जा रहा है। यह किट जिला अस्पताल के अलावा एयर फोर्स, डब्ल्यूसीएल सहित निजी अस्पतालों को भी दिए जाएंगे।
जेल के अंदर तैयार हो रही किट
जिला जेल में पीपीई किटों का निर्माण बंदियों द्वारा किया जा रहा है। किट बनाने के लिए कच्चा माल जैसे प्लास्टिक कवर, कपड़ा, धागा आदि जिला अस्पताल द्वारा मुहैया कराया गया है। बंदियों द्वारा एक दिन में पंद्रह से बीस किटो का निर्माण किया जा रहा है। प्रति किट में सिलाई की लागत ३० रुपए ली जा रही है बताया गया कि इससे पहले जिला जेल में बंदियों द्वारा मास्क का निर्माण भी किया जा रहा था। बड़ी संख्या में जेल में बंदियों द्वारा मास्क बनाए गए थे। जिन्हें सरकारी विभागों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सप्लाई किया गया था।
पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा से बुलाई गई सामग्री
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीसी चौरसिया ने बताया कि पीपीई किट तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री नजदीकी जिले छिंदवाड़ा से बुलाई गई है। इस किट को तैयार करने में सांसद डीडी उइके द्वारा प्रदाय की गई सांसद निधि की राशि का उपयोग किया जा रहा है। डॉ. चौरसिया ने बताया कि जिला जेल के बंदियों द्वारा एक पखवाड़े पूर्व मास्क तैयार कर वितरित किए जा चुके हैं।जिला चिकित्सालय की चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकिता सीते ने बताया कि 30 पीपीई किट कैदी राहुल, बस्तीराम, नितेश, हेमंत एवं गौना के द्वारा सिलवाई गई, जिसकी पैकिंग में रमेश जैन, विजया पोटफोड़े, अलका गलफट, राजेश बोरकड़े द्वारा सहयोग दिया गया।
इनका कहना
– हमारे चिकित्सकों ने देशी जुगाड़ लगाकर स्वयं के संसाधनों से पीपीई किटों का निर्माण कराया है। वास्तव में यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस किट से स्वास्थ्य कर्मियों एवं चिकित्सकों को सुरक्षा मिलेगी और वे बेहतर तरीके से इलाज कर सकेंगे। इस किट की लागत से सरकारी किट से काफी कम है।
– डॉ योगेश पंडाग्रे, विधायक आमला।
– चिकित्सकों का यह प्रयास काफी सराहनीय है। कम लागत में उन्होंने सुरक्षात्मक पीपीई किटों का निर्माण कराया है। इस नवाचार के लिए सभी बधाई के पात्र हैं।
– डीडी उईके, सांसद बैतूल।