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रबी सीजन में सिंचाई के लिए बढ़ सकती है किसानों की मुसीबत

locationबेतुलPublished: Jan 24, 2020 11:22:09 pm

Submitted by:

yashwant janoriya

लाखों रुपए बकाया चुकाने के बाद ही किसानों को मिलेगा सिंचाई के लिए पानीजलसंसाधन विभाग ने जारी किया फरमान

जलसंसाधन विभाग ने जारी किया फरमान

जलसंसाधन विभाग ने जारी किया फरमान

बैतूल. राजस्व वसूली को लेकर जलसंसाधन विभाग ने भी नया फरमान जारी कर दिया है। रबी सीजन में एक पलेवा एक पानी दिए जाने के बाद अब किसानों को तीसरा पानी तभी मिलेगा जब उक्त क्षेत्र में ६७ प्रतिशत वसूली हो जाती है। विभाग का कहना है कि यह निर्णय जल उपभोक्ता समिति की बैठक में शासन से मिले निर्देशों के अनुसार लिया गया है। जलसंसाधन विभाग भोपाल द्वारा आदेशित किया गया है कि किसानों को ६७ प्रतिशत वसूली होने पर ही सिंचाई के लिए तीसरा पानी दिया जाए, क्योंकि जिले में राजस्व वसूली का आंकड़ा काफी पिछड़ रहा है।
शासन को राजस्व का हो रहा नुकसान : जलसंसाधन विभाग द्वारा हर साल किसानों को रबी एवं खरीफ सीजन में सिंचाई के लिए जलाशयों से नहर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन किसान इसके बाद भी पानी का पैसा जमा नहीं करते हैं। जिसके कारण हर साल शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए शासन स्तर ने वसूली को लेकर नए आदेश जारी किए हैं जिसके तहत ६७ त्न वसूली होने पर ही संबंधित क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए जलाशय से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग द्वारा किसानों से भी यह अपील की गई है कि वे बकाया राशि तत्काल संभागीय कार्यालय में जमा करें ताकि उन्हें सिंचाई के लिए पानी मिल सके।
पेयजल के लिए भी आरक्षित पानी पर बकाया
नगरपालिका द्वारा गर्मी के दिनों में होने वाले जलसंकट को देखते हुए जलसंसाधन विभाग के लाखापुर जलाशय एवं सांपना जलाशय में पानी आरक्षित कराया गया है, लेकिन अभी राशि विभाग को जमा नहीं कराई गई है। लाखापुर जलाशय पर १०.७५० लाख और सांपना जलाशय पर २.५३० लाख रुपए बकाया होना बताया जाता है। बताया गया कि बैतूल संभाग अंतर्गत कुल ८० से अधिक जलाशय आते हैं। इन सभी जलाशयों से किसानों प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। जबकि पेयजल के लिए एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर के) आधार पर पानी दिया जाता है।
वसूली नहीं तो पानी नहीं
प्रदेश सरकार के खाली हो चुके खजाने को भरने के लिए शासन स्तर से सभी विभागों को मार्च के अंत तक वसूली का टारगेट पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे जलसंसाधन विभाग पर वसूली को लेकर दबाव बढ़ गया है। इस वजह से विभाग को यह आदेश जारी करने पड़े हैं कि यदि संबंधित क्षेत्र से ६७ प्रतिशत वसूली नहीं आती है तो उसे रबी सीजन में तीसरा पानी सिंचाई के लिए नहीं दिया जाएगा। विभाग द्वारा वसूली के लिए बकायदा गांव-गांव डोंडी भी पिटवाई जा रही है। विभाग की माने तो किसान हर साल सिंचाई के लिए पानी मांगता है समय पर विभाग पानी भी उपलब्ध कराता है लेकिन इसके बाद भी पैसा नहीं आ रहा है।
121 लाख रुपए पानी का बकाया
बै तूल जलसंसाधन संभाग अंतर्गत बैतूल, शाहपुर, घोड़ाडोंगरी, चिचोली, भीमपुर एवं भैंसदेही उप संभाग आते हैं। इन उप संभागों में कुल वसूली का लक्ष्य १०८.००७ लाख रुपए रखा गया है। जबकि पेयजल के लिए आरक्षित जलकर का १३.२८ लाख रुपए बकाया है। नवंबर माह के अंत तक की स्थिति में विभाग महज ३.९०३ लाख रुपए ही वसूल कर सका है। जबकि ११७.३८४ लाख रुपए अभी वसूला जाना बाकी है। सर्वाधिक बकाया राशि किसानों पर ही है। भैंसदेही में ३१.३३० लाख रुपए किसानों पर बकाया होना बताया जाता है। जबकि किसानों द्वारा महज ०.०४२ हजार रुपए ही वसूली हो सकी है।
इनका कहना है
जल उपभोक्ता समिति की बैठक हुई थी जिसमें शासन के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है कि ६७ प्रतिशत वसूली होने पर ही सिंचाई के लिए नहर खोली जाएगी। यदि किसान राशि जमा नहीं करते हैं तो उन्हें तीसरा पानी मिलना मुश्किल होगा।
एके डेहरिया, ईई जलसंसाधन विभाग बैतूल
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