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तापी पंचायत में किसानों ने मेगा रिचार्ज परियोजना का किया विरोध

locationबेतुलPublished: Sep 10, 2018 12:13:51 pm

Submitted by:

rakesh malviya

आदिवासी परियोजना को लेकर कर रहे विरोध, दामजीपुरा के आसपास के दर्जनों गांव के किसान विरोध की रणनीति तैयार कर रहे

Farmers protest against Mega Recharge project in Tapi Panchayat

तापी पंचायत में किसानों ने मेगा रिचार्ज परियोजना का किया विरोध

बैतूल. ताप्ती नदी पर खारिया घुटीघाट बांध, जिसे अब तापी मेगा रिचार्ज परियोजना कहा जा रहा है जिसके, हवाई सर्वे की खबरों के बाद अब दामजीपुरा के आसपास के दर्जनों गांव के किसान विरोध की रणनीति तैयार कर रहे है। क्षेत्र के गांव-गांव में किसानों द्वारा तापी पंचायतों का आयोजन किया जा रहा है। मेगा रिचार्ज परियोजना में बैतूल, खड़वा और महाराष्ट्र के आदिवासी क्षेत्र के किसान सबसे ज्यादा विरोध के लिए आगे आ रहे है। इन किसानों द्वारा दो माह पूर्व में जिला मुख्यालय पर पहुंचकर परियोजना का विरोध किया था। दो माह बाद क्षेत्र के लोगों में एक बार फिर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आ रहे है। बीस वर्ष पहले तापी पंचायत ने 6 वर्ष तक लगातार संघर्ष करके खारिया घुटीघाट बांध को रद्द करने में सफलता प्राप्त थी।
साढ़े तीन लाख हेक्टेयर भूमि की होनी है सिंचाई
तापी परियोजना का अभी काम प्राथमिक स्तर पर हुआ है। जानकारी के अनुसार एशिया की पहली परियोजना है कि, जिसमें बाढ़ के पानी को नहरों द्वारा पहुंचाकर रिचार्ज किया जाएगा। 5428 करोड़ रुपए की इस परियोजना से बारिश के दिनों में बाढ़ का पानी रोककर 150 किलोमीटर नहरों के द्वारा नदी, नालों, कुओं में पहुंचाकर उन्हे रिचार्ज किया जाएगा, जिससे 3.57 लाख हेक्टर भूमि पर सिंचाई की जाएगी, जिसमें 80 हजार हेक्टर के लिए लिफ्ट करके सिंचाई की जाएगी। तापी घाटी सर्वेक्षण व अन्वेषण विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है की इस योजना में केवल 3325 हेक्टर जमीन बाधित होगी और कोई भी गांव बाधित नहीं होगा।
सरकार से की स्पष्ट नीति की मांग
किसानों का कहना है कि परियोजना के संदर्भ में मप्र सरकार को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार की मंशा स्पष्ट होने के बाद में तापी पंचायत उसके आधार पर आगे की रणनीति तय करेगी। तापी पंचायत के लिए अब यह संघर्ष बांध के विरोध के साथ-साथ अपने प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और अपने प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार प्राप्त करने के लिए सत्याग्रह जैसा है। बैठक में विवेकानंद माथने, सीएस उइके,अनिल उइके, रामप्रसाद कवडे, समलू पटेल, रामसिंग, द्वारका बरमैय्या, भैय्यालाल इवने, धनसिंग कुमरे, शंकर परते सहित अन्य लोगों द्वारा गांव-गांव में पंचायते आयोजित की जा रही है।

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