बेरोजगारों से नौकरी लगाने के नाम पर 3 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी
बेतुलPublished: May 11, 2023 08:28:30 pm
120 लोगों के बनाए थे फर्जी नियुक्ति आदेश पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा।मामले की जानकारी देते एसपी। फर्जी नियुक्ति आदेश।
Fraud of Rs 3 crore in the name of providing jobs to the unemployed,Fraud of Rs 3 crore in the name of providing jobs to the unemployed
बैतूल। माध्यमिक शिक्षा मंडल में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगारों से 2 से 3 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पूरा परिवार मिलकर युवाओं से धोखाधड़ी का काम कर रहा था। पुलिस ने 120 फर्जी नियुक्ति आदेश जब्त किए हैं। मामले में पिता, पुत्र, मां और बहन सहित एक अन्य भोपाल निवासी युवक को आरोपी बनाया गया है।
पिछले 3 वर्ष से कर रहा ठगी का कार्य
एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया खुद को माध्यमकि शिक्षा मंडल में बेसिक शिक्षा अधिकारी बताने वाला विशाल जैसवाल निवासी शिवलोक सिटी बडोरा पिछले लगभग 3 वर्षों से ठगी का कार्य कर रहा है। क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी का झांसा दिया जाता था। इस दौरान उसने लगभग 120 लोगों को नियुक्ति के लिए फर्जी आदेश तैयार किए हैं। नियुक्ति के लिए किसी से 20 हजार तो किसी से 30 हजार और पांच लाख से लेकर १० लाख रुपए तक लिए जाते थे। इस तरह से संभवत: दो से तीन करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला हो सकता है। अभी इसकी जांच कर रहे हैं। सीहोर और नर्मदापुरम के लोगों के भी फर्जी नियुक्ति आदेश बनाए हैं। फोन-पे और नगद के माध्यम से लेन-देन किया। परिवार के सभी लोग इसमें सहयोग करते थे। परिवार के लोग बताते थे कि हमारा बेटा विशाल माध्यमिक शिक्षा मंडल में अधिकारी है और वह नौकरी लगा देगा। पैसों के लिए भी परिवार के लोग दूसरों पर दबाव डालते थे। जिसके चलते पुलिस ने विशाल के ही पिता प्रेमचंद जैसवाल, मां सुशीला जैसवाल और बहन अंजना जैसवाल को भी आरोपी बनाया है। अंजना का विवाह पाथाखेड़ा में हुआ है। वह अपने चाचा के घर शादी में बडोरा आई थी। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है। मामले पुलिस ने भोपाल निवासी शुभम जोशी को भी आरोपी बनाया है। पांचों आरोपियों पर धारा आरोपियों पर धारा 420, 467, 468,४७०, 471 और 34 के तहत गंज और कोतवाली थाने में केस दर्ज किया है। आरोपियों से फर्जी सील, दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, फर्जी नियुक्ति पत्र, कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर आदि जब्त किए हैं। खुलासे के दौरान,एएसपी नीरज सोनी, एसडीओपी सृष्टी भार्गव,गंज थाना प्रभारी एबी मर्सकोले उपस्थित रहे।
भोपाल के युवक को भी लिया साथ
आरोपी विशाल जैसवाल पहले भोपाल में मॉडलिंग के सिलसिले में गया था। यहां से फिर वह मुंबई चला गया। पैसों की कमी आने से वापस भोपाल आ गया। यही से उसने यह धोखाधड़ी का काम शुरू किया। इसके लिए उसने भोपाल के ही प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले शुभम जोशी को भी अपने साथ कर लिया। शुभम उसे वाटर पेपर पर फर्जी नियुक्ति आदेश बना कर देता था। जिसमें अधिकारी के रूप में विशाल के सील और हस्ताक्षर हुआ करते थे। विशाल ने भोपाल में ही फर्जी सील बनाई।
माध्यममिक शिक्षा मंडल के पास घूमता था आरोपी
एसपी ने चौधरी ने बताया खुद को अधिकारी बताने के लिए विशाल जैसवाल जब किसी को भोपाल बुलाता तो माध्यमिक शिक्षा मंडल के आस-पास ही घूमा करता था और सूट पहनता था। जिससे लोगों को लगे कि वह अधिकारी है, जिन लोगों से ठगी करना होता था उन्हें एमएलए के बंगलों के पास भोपाल भी बुलाता था। विशाल धोखाधड़ी के लिए किराए की गाड़ी का भी उपयोग करता था। गाड़ी पर मध्यप्रदेश शासन लिखा करता था। पुलिस इस मामले में भी गाड़ी की तलाश कर रही है।
वेयर हाउस से रिटायर्ड प्यून है पिता
धोखाधड़ी करने वाले विशाल के पिता आरोपी प्रेमचंद जैसवाल मूलत: देव गांव के रहने वाले हैं। वह वेयरहाउस में शाहपुर में प्यून थे, यहां से रिटायरमेंट होने के बाद बडोरा के पास शिवलोक सिटी में बस गए। बडोरा में उन्हीं की बेटी अंजना का मकान है। इसी मकान में सभी रह रहे थे।
जिन्होंने गोद में खिलाया उन्हें भी नहीं छोड़ा
आरोपी विशाल जैसवाल ने ऐसे लोगों को भी अपनी ठगी का शिकार बनाया, जिन्होंने की विशाल को खुद अपनी गोदी में खिलाया था। लोगों ने भरोसा करके विशाल को पैसे दे दिए और उन्हीं से लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर ली।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
आरोपी विशाल जैसवाल द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत शाहपुर के पतौवापुरा निवासी लोकेश नामदेव और भैंसदेही निवासी मुकेश नामदेव ने पुलिस में कर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत में बताया था कि आरोपियों द्वारा उनसे मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड भोपाल में नौकरी लगाने के नाम पर 7.80 लाख रुपए हैं। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच की और तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया।