शिक्षा समिति भंग होने की उलझन में १६ शिक्षकों व ५८२ विद्यार्थियों का भविष्य
बेतुलPublished: Feb 14, 2019 11:38:13 pm
शिक्षकों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन, समिति भंग नहीं करने की रखी मांग
शिक्षा समिति भंग होने की उलझन में १६ शिक्षकों व ५८२ विद्यार्थियों का भविष्य
सारनी. कोल नगरी पाथाखेड़ा का गौरव अशासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय (बड़ा स्कूल) का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। जब से स्कूल के भविष्य पर खतरा मंडराने का अहसास कार्यरत शिक्षकों को हुआ है तब से पूरा शिक्षक स्टॉफ असमंजस में हैं। खासबात यह है कि इस विद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्र देश का नाम विदेशों में तक रोशन कर रहे हैं। इसी स्कूल में पढऩे वाले छात्र आज सरकार में मंत्री भी है। फिर भी स्कूल का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इस स्कूल को बचाने कोल नगरी के वाशिंदों को संघर्ष करने की जरूरत है। गौरतलब है कि बड़े स्कूल के अलावा बालकों के लिए हाई और हायर सेकंडरी स्कूल तक नहीं है। ऐसे में स्कूल को बचाना बहुत जरूरी है। यहां पदस्थ महेन्द्र प्रताप सिंह, केएल जावलकर बताते हैं कि हमें इस स्कूल में सेवाएं देते हुए 30 वर्षों से अधिक समय हो गया है। उम्र के आखिरी पड़ाव में वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड द्वारा शिक्षा समिति भंग की जाती है तो हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा। शिक्षकों ने बताया कि हमें वेकोलि से फंड इतना कम मिलता है कि हम शिक्षकों का वेतन शासकीय दर पर मजदूरी करने वाले मजदूर से भी कम है। बावजूद इसके देशहित में हम सभी सतत सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन समिति भंग करने की खबर से हम टूट से गए हैं। इस मामले को लेकर सभी शिक्षकों ने सामूहिक रूप से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शिक्षा समिति भंग नहीं करने का आग्रह किया है।
46 साल से संचालित हो रहा स्कूल- 1973 से पाथाखेड़ा क्षेत्र में डब्ल्यूसीएल शिक्षा समिति द्वारा स्कूल संचालित किया जा रहा है। पहले माध्यमिक शाला और फिर 1978 में उच्चत्तर माध्यमिक शाला के रूप में स्कूल का उन्नयन हुआ। उस समय वेकोलि प्रबंधन द्वारा कोल कर्मियों से ही अध्यापन कार्य कराया जाता था। इसके बाद समिति द्वारा शिक्षक नियुक्त किए गए। वहीं सरकार द्वारा अनुदान लिया गया। जिसमें सरकार विद्यालय के शिक्षकों का वेतन मप्र शासन के नियमानुसार अनुदान के रूप में प्रदान कर रही है, लेकिन वर्तमान में विद्यालय में समिति द्वारा 16 शिक्षक और कर्मियों को अपने व्यय भार पर नियुक्त किया है। समिति भंग करने पर यह 16 शिक्षक और कर्मियों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा।
डब्ल्यूसीएल में मर्ज करने की मांग- डब्ल्यूसीएल शिक्षा समिति द्वारा संचालित उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के अस्तित्व को खतरे में पड़ता देख शिक्षकों ने संयुक्त रूप से कलेक्टर के नाम ज्ञापन पत्र देकर समिति भंग नहीं करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि समिति भंग की जाती है तो हमें डब्ल्यूसीएल में मर्ज किया जाए। दरअसल कार्यरत सभी शिक्षकों को अध्यापन कार्य कराते 20 से 33 साल हो गए हैं। खासबात यह है कि वेकोलि शिक्षा समिति के संरक्षक डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा महाप्रबंधक होते हैं और अध्यक्ष क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक होते हैं। 24 जनवरी को एपीएम द्वारा बैठक बुलाकर समिति के पदों से अपना पद छोडऩे और शिक्षकों से शिक्षा समिति बनाकर विद्यालय संचालन की जानकारी दी है। इसी के बाद शिक्षकों में असमंजस का माहौल है। समिति भंग नहीं करने की मांग करने वालों में गेंदराव कापसे, किशोरी, सरिता साहू, संतोषी शिवड़े, रीता मजूमदार, मो. फैय्याज समेत अन्य शिक्षक शामिल हैं।