छात्राएं गांवों में पढ़ाईगी स्वच्छता और पर्यावरण का पाठ
गल्र्स कॉलेज की छात्राएं आने वाले दिनों में लोगों को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन का पाठ पढ़ाती हुई नजर आएगी। गल्र्स कॉलेज का चयन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लोगों के बीच में जागरूता फैलाने के लिए किया गया है।
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बैतूल। गल्र्स कॉलेज की छात्राएं आने वाले दिनों में लोगों को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन का पाठ पढ़ाती हुई नजर आएगी। गल्र्स कॉलेज का चयन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लोगों के बीच में जागरूता फैलाने के लिए किया गया है। कॉलेज का चयन होने के बाद में कॉलेज में अध्ययनरत १३५० छात्राओं द्वारा अपने गांव और शहर मेें लोगों के बीच में पहुंचकर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूक करेगी। गल्र्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ विद्या चौधरी ने बताया कि कॉलेज का चयन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लोगों के बीच में पर्यावरण के बीच में जागरूकर्ता फैलाने के लिए किया गया है। जिसके तहत कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को स्वच्छता और पर्यावरण का संदेश देगी। साथ ही छात्राओं लोगों को इलेक्ट्रानिक कचरे से होने वाले नुकसान के साथ ही प्रबंधन करने को लेकर जागरूक करेगी। ३ अक्टूकर को भोपाल में प्रस्तुत गल्र्स कॉलेज के के ईको क्लब प्रभारी डॉ आशीष गुप्ता द्वारा अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर कॉलेज का चयन किया गया है।
जनता के बीच पहुंचेगी छात्राएं
ईकों क्लब महाविद्यालय द्वारा प्रमुख रूप से वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, कचरा प्रबंधन, इलेक्ट्रानिक कचरे का प्रबंधन एवं पर्यावरण संरक्षण के तहत छात्राओं द्वारा कॉलेज परिसर और सार्वजनिक स्थल पर किया जाना है, जिसमें छात्राओं द्वारा स्वच्छता रैलियों का आयोजन, मिनी मैराथन, घर और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान , प्रशिक्षण एवं कार्यशाला , पर्यावरण फिल्म का प्रदर्शन, स्वच्छता शपथ, पौधरोपण, स्वच्छता मेला, स्वच्छ हवा अभियान, स्वच्छता आधारित नुक्कड नाटक सहित अन्य कर्यक्रमों का आयोजन करेगी।
कॉलेज में तैयार होगी जैविक खाद
भारत सरकार के स्वच्छ एवं स्वास्थ्य भारत प्रकोष्ट एसएसबी सेल के निर्देश पर राज्य नोडल संस्था द्वारा ईको क्लब महाविद्यालयों द्वारा स्वच्छता संबंधी गतिविधियों का आयोजन कराने के निर्देश मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ साधना तिवारी द्वारा जारी किए गए है। साथ ही महाविद्यालय के पौधों के लिए जैविक खाद के लिए ६ बाई ४ साइज का कम्पोट पिट तैयार किया जाएगा। जहां पर जैविक खाद तैयार करेगी।