पढ़ें, बिजली चोरी के साढ़े सात हजार प्रकरणों पर 12 को होगी सुनवाई
जिले में बिजली चोरी के साढ़े सात हजार से अधिक प्रिलिटिगेशन के प्रकरणों पर १२ मार्च को सुनवाई होगी। बिजली चोरी के इन प्रकरणों को न्यायालय में रजिस्टर्ड नहीं किया गया है। प्रकरणों के निराकरण के लिए बिजली उपभोक्ताओं को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण के लिए अंतिम मौका दिया गया है।
बेतुल
Updated: March 07, 2022 09:47:43 pm
बैतूल। जिले में बिजली चोरी के साढ़े सात हजार से अधिक प्रिलिटिगेशन के प्रकरणों पर १२ मार्च को सुनवाई होगी। बिजली चोरी के इन प्रकरणों को न्यायालय में रजिस्टर्ड नहीं किया गया है। प्रकरणों के निराकरण के लिए बिजली उपभोक्ताओं को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण के लिए अंतिम मौका दिया गया है। वहीं लिटिगेशन के एक हजार से अधिक प्रकरण जो न्यायालय में रजिस्टर्ड है उन्हें समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगा। दोनों प्रकरणों में साढ़े पंद्रह करोड़ की राशि वसूल की जाना है।
विद्युत कंपनी ने लोक अदालत के लिए जारी किए नोटिस
नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगा। कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को लोक अदालत में उपस्थित होने के लिए नोटिस भी जारी किए गए हैं। नोटिस के माध्यम से विद्युत कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की गई है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें। नेशनल लोक अदालत 12 मार्च को आयोजित होगी। विद्युत कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं से लोक अदालत में लंबित प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण करवाने का आग्रह किया है।
बिजली चोरी के साढ़े सात हजार प्रकरण दर्ज
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता शर्तों का मसौदा जारी कर दिया गया है। जिले में प्री लिटिगेशन के ७ हजार ६५० प्रकरण समझौते के लिए लोक अदालत में रखे गए हैं। इनमें ११५० लाख रुपए की राशि बकाया है। वहीं लिटिगेशन के १११० प्रकरण रखे गए हैं। यह प्रकरण कोर्ट में पहले से रजिस्टर्ड बताए जाते हैं। इन प्रकरणों में ४ करोड़ रुपए की राशि बकाया होना बताया गया है।
कंपनी ने प्रकरणों में छूट का प्रावधान दिया
कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत लंबित प्रकरण एवं ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं, ऐसे प्रकरणों के त्वरित निराकरण तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाए गए ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति, अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, की प्री लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी।
प्रिलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात छ: माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
पहली बार बिजली चोरी प्रकरणों पर ही छूट
नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी, अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी, अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता, उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 12 मार्च 2022 को समझौते करने के लिए ही लागू रहेगी।

Prelitigation and Litigation cases will be placed in the National Lok Adalat by the Electricity Company.
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