scriptआदिवासियों के खेतों से दौड़ रहे अवैध रेत और बजरी डंपर | Illegal sand and gravel dumper running from tribal fields | Patrika News

आदिवासियों के खेतों से दौड़ रहे अवैध रेत और बजरी डंपर

locationबेतुलPublished: Nov 23, 2018 02:12:49 pm

Submitted by:

pradeep sahu

ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

avedh ret

ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

सारनी. नए राख बांध की पिचिंग बैतूल की ठेका कंपनी द्वारा की जा रही है। इस कार्य के लिए ठेका कंपनी द्वारा बाकुड़ नदी को खोखली की जा रही है। खासबात यह है कि अवैध रेत, बजरी का उत्खनन कर आदिवासी ग्रामीणों के खेतों से परिवहन की जा रही है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है। बाकुड़ निवासी मगन कुमरे, माड़ू कुमरे बताते हैं कि मनाही के बावजूद दबंगई दिखाकर जबरन खेतों में से ओवरलोड डंपर परिवहन किए जा रहे हैं। गुरुवार को एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने ओवरलोड परिवहन कर रहे डंपरों को रोककर खेत के बजाय रोड से परिवहन करने की बात कही। लेकिन ठेका कंपनी के चालकों ने ग्रामीणों की एक नहीं सुनी और दिन भर खेत में से रेत, बजरी परिवहन करते रहे। बताया जा रहा है कि बाकुड़ नदी के नजदीक राख बांध है। इस वजह से ठेका कंपनी द्वारा 10 चकों के डंपरों से दिन-रात बजरी परिवहन की जा रही है। इससे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत बने सारनी-बाकुड़ मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। ग्रामीणों को बताया जाता है कि 9 टन से अधिक लोड डंपरों में नहीं है। जबकि 10 चका डंपर ऊपर तक भरकर बेखौफ दौड़ रहे हैं।
इसी बात से नाराज होकर एक दिन बाकुड़ पंचायत के ग्रामीणों द्वारा परिवहन रोक दिया गया था। इसके बाद पंचायत द्वारा रायल्टी काटी जा रही है। फिर भी ओवरलोड परिवहन बंद नहीं हुआ।
जांच में मिली खामियां तो फिर से बनाई ठेकेदार ने ११० मीटर सड़क

बैतूल. भैंसदेही से नांदा भीमपुर तक बनाई जा रही सड़क के निर्माण के दौरान चिचोली ढाना के समीप पारडी़ जोड़ के पास ग्रामीणों ने सड़क निर्माण रोक दिया था जिस पर संबंधित ठेकेदार द्वारा एमपी आरडीसी को शिकायत की थी। शिकायत पर संज्ञान लेते एमपी आरडीसी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सड़क का निरीक्षण किया एवं इंजीनियर की रिपोर्ट पर खराब सड़क को उखाड़कर फिर से बनाया। एमपी आरडीसी के एडीएम प्रवीण नीमजे ने बताया कि लगभग 110 मीटर सड़क को उखाड़कर फिर से बनाया। ठीक इसी तरह से पूरी निगरानी में सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है और नियमानुसार समय-समय पर जांच भी की जा रही है। विदित हो कि 106 करोड़ रुपए की लागत से 45 किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जो जनवरी 2019 तक लगभग बनकर तैयार हो जाएगा निर्माण एजेंसी के मैनेजर सुमित धहिया ने बताया कि सड़क निर्माण में पूरी पारदर्शिता रखकर कार्य किया जा रहा है और खराब हुई लगभग 110 मीटर की सड़क को उखाड़कर फिर से बनाया गया है। आवागमन में ग्रामीणों को अधिक परेशानी ना हो इसको देखते हुए तेजी से कार्य किया जा रहा है।
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