150 मीटर तक करना है ड्रिलिंग
रेलवे ट्रेक के आरपार करीब150 मीटर तक ड्रिलिंग करना है। अभी तक महज 20 मीटर तक ही ड्रिलिंग हो सकी है जबकि ठोस चट्टान आने के कारण ड्रिलिंग का काम बीच में रोकना पड़ा है। ऐसे में पाइप लाइन के दोनों सिरों को आपस में जोडऩे के लिए नगरपालिका की मुश्किलें बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि अंदर ठोस चट्टान होने की वजह से हैंड ड्रिलिंग करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए अब कैमिकल के जरिए चट्टान को कमजोर किया जाएगा जिसके बाद पुन: ड्रिलिंग का काम शुरू होगा। चूंकि चट्टान काफी मजबूत है और आसानी से टूट नहीं रही है इसलिए कैमिकल का रियेक्शन उस पर कैसा होगा इसकी जांच के लिए बाहर मौजूद चट्टान के एक टुकड़े पर ड्रिलिंग कर कैमिकल का टेस्ट किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इससे ड्रिलिंग का काम आसान हो जाएगा।
रेलवे ट्रेक के आरपार करीब150 मीटर तक ड्रिलिंग करना है। अभी तक महज 20 मीटर तक ही ड्रिलिंग हो सकी है जबकि ठोस चट्टान आने के कारण ड्रिलिंग का काम बीच में रोकना पड़ा है। ऐसे में पाइप लाइन के दोनों सिरों को आपस में जोडऩे के लिए नगरपालिका की मुश्किलें बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि अंदर ठोस चट्टान होने की वजह से हैंड ड्रिलिंग करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए अब कैमिकल के जरिए चट्टान को कमजोर किया जाएगा जिसके बाद पुन: ड्रिलिंग का काम शुरू होगा। चूंकि चट्टान काफी मजबूत है और आसानी से टूट नहीं रही है इसलिए कैमिकल का रियेक्शन उस पर कैसा होगा इसकी जांच के लिए बाहर मौजूद चट्टान के एक टुकड़े पर ड्रिलिंग कर कैमिकल का टेस्ट किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इससे ड्रिलिंग का काम आसान हो जाएगा।
इधर पाइप लाइन बिछाने का काम जारी
माचना एनीकट से अंडर ब्रिज तक पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका हैं। इसे सिर्फ खेड़ी बैराज से आ रही पाइप लाइन से जोडऩे का काम शेष रह गया है। जब तक रेलवे ट्रेक के नीचे से पाइप लाइन नहीं निकाल ली जाती है तब तक पाइप लाइन के दोनों सिरो को जोडऩा मुश्किल होगा। चूंकि टे्रक के नीचे १२ मीटर तक लोहे के गोलकार पाइप बिछाए जा चुके हैं जिसके अंदर से पाइप लाइन को ले जाना है इसलिए अब इस जगह से नगरपालिका के लिए पीछे हट पाना मुश्किल होगा। यहीं कारण है कि ड्रिलिंग के लिए अब नए विकल्पों की तलाश शुरू कर दी गई है।
माचना एनीकट से अंडर ब्रिज तक पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका हैं। इसे सिर्फ खेड़ी बैराज से आ रही पाइप लाइन से जोडऩे का काम शेष रह गया है। जब तक रेलवे ट्रेक के नीचे से पाइप लाइन नहीं निकाल ली जाती है तब तक पाइप लाइन के दोनों सिरो को जोडऩा मुश्किल होगा। चूंकि टे्रक के नीचे १२ मीटर तक लोहे के गोलकार पाइप बिछाए जा चुके हैं जिसके अंदर से पाइप लाइन को ले जाना है इसलिए अब इस जगह से नगरपालिका के लिए पीछे हट पाना मुश्किल होगा। यहीं कारण है कि ड्रिलिंग के लिए अब नए विकल्पों की तलाश शुरू कर दी गई है।