यह जारी किए गए आदेश- नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के संयुक्त संचालक वित्त डॉ अरूण पालीवाल द्वारा जारी आदेश में बताया कि नगरपालिका, नगर पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों को प्रदाय अग्रिमों पर ब्याज की वसूली नहीं की गई है। मप्र शासन वित्त विभाग के कार्यलयीन ज्ञापन अक्टूबर 2009 के अनुसार राज्य सरकार के समूह ग एवं घ कर्मचारियों को त्योहार एवं अनाज अग्रिम स्वीकृत किया जा सकता है। दोनों अग्रिमों की वसूली दस समान किस्तों में किया जाकर 6.5 प्रतिशत सामान्य ब्याज दर से ब्याज राशि मूल राशि वसूली के बाद पृथक से एक किस्त में किया जाना है। नियमानुसार अग्रिम पर ब्याज की वसूली करना सुनिश्चित कर संचालनालय को अवगत कराए। ताकि शासन महालेखागार एवं विधानसभा सचिवालय को अवगत कराया जा सके।
पहले दस किश्त में ली जाती थी राशि- नगरपालिकाओं एवं नगर पंचायत में कार्यरत नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा त्योहार अग्रिम फंड से राशि जारी की जाती है। अधिकतम ५ हजार रुपए दिए जाते हैं। यह राशि बाद में कर्मचारियों के वेतन से दस समान किश्तों में वसूल कर ली जाती थी। कर्मचारियों से केवल मूल राशि ही वसूल की जाती थी। पृथक से उन्हें कोई ब्याज नहीं देना पड़ता था। जिसके कारण कर्मचारियों को त्योहार सहित अन्य आयोजनों में आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता था, लेकिन अब अग्रिम राशि पर ब्याज की वसूली होने से कर्मचारियों के त्योहार का मजा किरकिरा हो गया है।
पृथक से भरना होगा एक किश्त- पूर्व में अग्रिम फंड से ली गई राशि की मूल रकम ही कर्मचारियों को वापस लौटाना पड़ती थी, लेकिन नगरीय प्रशासन विभाग के नए फरमान के बाद अब कर्मचारियों को मूल रकम के अलावा ब्याज भी देना होगा। पहले जहां दस किश्तों में मूल रकम वेतन से काट ली जाती थी। वहीं 6.5 प्रतिशत ब्याज दर लगाए जाने के बाद पृथक से एक और किश्त कर्मचारियों को चुकाना होगी। इससे कर्मचारियों को करीब 500 से 600 रुपए तक का नुकसान होगा। कर्मचारियों में इस आदेश को लेकर खासा आक्रोश है क्योंकि अग्रिम राशि उन्हें जीपीएफ फंड से जारी की जाती है।