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चीन-ब्राजील को मात देकर ‘गोल्डन गर्ल’ बनी प्रियंका सरकारी सिस्टम से हारी, CM को लौटाएगी गोल्ड मेडल

स्पोर्ट्स एकेडमी में दाखिला के लिए प्रियंका ने अधिकारियों के दर पर लगाए हैं दर्जनों चक्कर

बेतुलNov 17, 2019 / 05:52 pm

Muneshwar Kumar

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बैतूल/ मध्यप्रदेश की एक उभरती हुई स्टार इस कदर निराश हो चुकी है कि अब वो अपनी कामयाबी की चमक को वापस करना चाहती है। उसने ठान लिया है कि वो कड़ी मेहनत से हासिल किए गए अपने गोल्ड मेडल सरकार को वापस कर देगी और इस सब की वजह है हमारे सिस्टम का वो रवैया जिसका आए दिन कोई न कोई शिकार होता है और इस बार शिकार हुई है बैतूल की उभरती हुई कराटे चैपिंयन प्रियंका..
बैतूल की रहने वाली कराटे चैंपियन प्रियंका चोपड़े बीते दो साल से अपने हक के लिए लड़ रही हैं। लेकिन साल बदल रहे हैं हालात नहीं। इसलिए अब उसने तय किया है कि वो अपने गोल्ड मेडल सरकार को वापस करेंगी। प्रियंका पहले सीएम के बर्थडे पर मेडल लौटाने वाली थी लेकिन समय नहीं मिला, अब वह बाद में आकर सीएम को गोल्ड मेडल लौटाएगी। प्रियंका एक मजदूर की बेटी हैं जिन्होंने काफी मेहनत कर साल 2017 में आगरा में हुई इंटरनेशन स्कूल स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में चीन और ब्राजील की खिलाड़ियों को हराते हुए ये गोल्ड मेडल हासिल किया था।
बैतूल के रहने वाले एक सामान्य परिवार की बेटी प्रियंका चोपड़े ने साल 2017 में वो कारनामा कर दिखाया था जिसके बाद न केवल परिजन बल्कि पूरे जिले और प्रदेश के लोग उन पर गर्व कर रहे थे। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी प्रियंका को अपनी कामयाबी का सर्टिफिकेट तक नहीं मिल पाया है। इंटरनेशन स्तर का गोल्ड मेडल हासिल करने के बाद भी भोपाल की स्पोर्स्ट्स एकेडमी में एडमिशन नहीं मिला। जिसकी वजह से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप भी अटक गई। पिता और बेटी ने अपने स्तर पर जितना हो सका दफ्तरों के चक्कर काटे अधिकारियों से गुहार लगाई। इतना ही नहीं केन्द्रीय खेल मंत्री को तक खत लिखा लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जिससे इस चैपिंयन का दिल अब टूट चुका है और वो अपना गोल्ड मेडल लौटाना चाहती है। प्रियंका ने बताया कि वो सीएम कमलनाथ को गोल्ड मेडल वापस करेगी।
बेटी को इस तरह से टूटता देख प्रियंका के परिजन भी निराश हैं लेकिन वो कहते हैं कि जितना उनके बस में था वो सब जगह कोशिश कर चुके हैं पर कोई हल नहीं निकल रहा है। अब करें भी तो क्या करें। मध्यप्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने की बात कहती है और खेलों के लिए करोड़ों रुपए भी खर्च किए जाते हैं लेकिन प्रियंका जैसी खिलाड़ी की इस तरह से अनदेखी होना ये बताता है कि हमारे सिस्टम में कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है जो इन चैंपियंस को भी हरा रहा है।
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