मोक्षधाम में कंडे से होगा दाह संस्कार
बेतुलPublished: Mar 17, 2019 08:52:36 pm
गौशाला प्रबंधन द्वारा कंडे की लकड़ी को मोक्षधाम में दाह संस्कार करने वाले को दो से ढ़ाई हजार रूपए में उपलब्ध कराया जाएगा।
बैतूल। आने वाले दिनों में बैतूल के मोक्षधाम में कंडे से दाह संस्कार किया जाएगा, जिसके लिए लगने वाले कंडे त्रिवेणी गौशाला द्वारा उपलब्ध कराए जाएगा। त्रिवेणी गौशाला प्रबंधन द्वारा कंडे बनाने के लिए मशीन लगाई है। मशीन द्वारा गोबर से लकड़ी के आकार के कंडे का निर्माण किया जा रहा है। गौशाला प्रबंधन द्वारा कंडे की लकड़ी को मोक्षधाम में दाह संस्कार करने वाले को दो से ढ़ाई हजार रूपए में उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में दोनों ही मोक्षधाम में लकड़ी से दाह संस्कार किया जाता है। जिसके एवज में करीब तीन हजार रूपए का खर्च आता है। कंडे से दाह संस्कार करने पर करीब एक हजार रूपए की बचत होगी। मोक्षधाम समिति द्वारा त्रिवेणी गौशाला प्रबंधन को कंडे रखने के लिए जगह ही उपलब्ध कराई जाएगी। त्रिवेणी गौशाला प्रबंधक मनोज वर्मा ने बताया कि वर्तमान में गौशाला में २४६ गौवंश है। इस गौवंश से करीब ६ क्विंटल प्रतिदिन गोबर निकलता है। जिसमें से ४ क्विंटल से प्रतिदिन लकड़ी आकार के कंडे का निर्माण किया जाएगा।
पूर्व में गोबर से वर्मीकपोस्ट का होता था निर्माण
गौशाला से निकलने वाले गोबर से पूर्व में वर्मीकम्पोस्ट का निर्माण किया जाता। वर्मीकमोस्ट का उठाव नहीं होने से प्रबंधन को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा था। गौशाला की आय बढ़ाने के लिए गोबर से कंडे निर्माण करने का निर्णय लिया, लेकिन प्रबंधन के सामने कंडे को सुखाने की समस्या थी, ऐसे में मशीन के सहारे लकड़ी के आकार के कंडे बनाने का निर्णय लिया गया, जो कम समय में सूख जाते है।
लकड़ी की होगी बचत
राजस्थान और मध्यमप्रदेश के कुछ जिलों में दाह संस्कार के लिए सिर्फ कंडे का उपयोग होता है। कंडे का उपयोग होने से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। दाह संस्कार के लिए लकड़ी की आवश्यकता नहीं होगी। गौशाला के मनोज वर्मा ने बताया कि पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा में दाह संस्कार कंडे से किया जाता है। हमारे यहा पर निकलने वाले गोबर को देखते हुए कंडे बनाने के लिए मशीन लगाई गई है। मशीन से एक घंटे में ६ क्विंटल गोबर के कंडे का निर्माण किया जा सकता है।