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निजी अस्पताल में कराया भर्ती
यह कहानी मुलताई निवासी विनोद चिकाने की है, जो कुछ वर्षों से बगडोना आकर मजदूरी और ठेकेदारी का काम कर रहे हैं। बगडोना हवाईपट्टी के पास ही उनकी झोपड़ी थी। चिकाने ने बताया कि 20 दिन पहले उनकी पत्नी सुमित्रा की तबियत खराब हुई थी पहले स्थानीय स्तर परइलाज करवाया। फिर घोड़ाडोंगरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज करवाते समय कोरोना की पुष्टि हुई इसके बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया ।
आराम नहीं सिर्फ बिल बढ़ता गया
विनोद के अनुसार, वे 26 अप्रेल को पत्नी को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे थे। 10 दिन बाद भी कोई सुधार नहीं था, वहां सिर्फ बिल ही बढ़ता जा रहा था। बाद में उसे तीन लाख का बिल दिया गया। तब ढाई लाख में झोपड़ी बेची और 50 हजार उधार लेकर बिल चुकाया। बिल में उसे कोई रियायत नहीं मिली।