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हे ईश्वर! इन्हें माफ करना, अस्पताल ने थमाया था 3 लाख का बिल

locationबेतुलPublished: May 10, 2021 05:58:14 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

बैतूल के लश्करे अस्पताल में 10 दिन तक इलाज कराने पर हो रहा अफसोस

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coronavirus

बैतूल। कोरोना पीड़ित पत्नी का इलाज कराने के लिए एक मजदूर ने अपनी झोपड़ी तक बेच दी। निजी अस्पताल का तीन लाख का बिल भरने के लिए जब उसे कोई सहारा नहीं मिला तो ढाई लाख में अपना आसरा ही बेच डाला। हालांकि पत्नी को वहां कोई आराम भी नहीं मिला। इसके बाद मजदूर ने उसे जामठी के ओम आयुर्वेदिक कॉलेज में भर्ती कराया, जहां निःशुल्क इलाज चल रहा है। अब उसे बैतूल के लश्करे अस्पताल में 10 दिन तक इलाज कराने पर अफसोस हो रहा है।

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10 death from corona
IMAGE CREDIT: Surguja corona news

निजी अस्पताल में कराया भर्ती

यह कहानी मुलताई निवासी विनोद चिकाने की है, जो कुछ वर्षों से बगडोना आकर मजदूरी और ठेकेदारी का काम कर रहे हैं। बगडोना हवाईपट्टी के पास ही उनकी झोपड़ी थी। चिकाने ने बताया कि 20 दिन पहले उनकी पत्नी सुमित्रा की तबियत खराब हुई थी पहले स्थानीय स्तर परइलाज करवाया। फिर घोड़ाडोंगरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज करवाते समय कोरोना की पुष्टि हुई इसके बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया ।

आराम नहीं सिर्फ बिल बढ़ता गया

विनोद के अनुसार, वे 26 अप्रेल को पत्नी को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे थे। 10 दिन बाद भी कोई सुधार नहीं था, वहां सिर्फ बिल ही बढ़ता जा रहा था। बाद में उसे तीन लाख का बिल दिया गया। तब ढाई लाख में झोपड़ी बेची और 50 हजार उधार लेकर बिल चुकाया। बिल में उसे कोई रियायत नहीं मिली।

 

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