भवन मालिक श्रीकांत अग्रवाल ने बताया कि बिल्डिंग ५० वर्ष पुरानी है। इसे गिराने के प्रयास में था। किराएदार होने से गिरा नहीं पा रहा था। दस दिन पहले नगर पालिका और एसडीएम कार्यालय में आवेदन देकर सूचना दी थी। पुरानी बिल्डिंग हो गई है। इसे खाली कराकर गिराया जाए। एसडीएम कार्यालय से आवेदन नगर पालिका पहुंच गया था। नगर पालिका के कर्मचारी आवेदन पंचनामा बनाने के लिए आए थे। सुबह से बारिश होने से अधिकारियों के सामने ही बिल्डिंग बैठ गई। पुरानी बिल्डिंग को धीरे-धीरे गिरा रहे थे। ४० वर्ष से एक ही किराएदार था। पूरी बिल्डिंग खाली हो गई थी। इस तरह से जनहानि नहीं हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस समय यह हादसा हुआ इसके पहले ही आवाज आने लगी थी। आसपास के दुकानदार और इनमें काम करने वाले कर्मचारी अपनी दुकान के बाहर आ गए थे। रोड पर जो इक्का-दुक्का लोग थे वे भी आवाज सुनकर यहां-वहां खड़े हो गए थे। जैसे ही बिल्डिंग गिरी चीख-पुकार शुरू हो गई। लोग चिल्लाने लगे और इधर-उधर भागने लगे। आधा मिनट में ही पूरी बिल्डिंग गिर गई। इस दौरान जमकर आवाज हुई और बिजली के तार भी लपेटे में आ गए। सड़क तक पर मलबा गिर गया। पूरी तरह से रास्ता बंद हो गया। बिल्डिंग गिरने की घटना को लोगों ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया। लोगों ने इसके वीडियो भी बनाए। गुरुवार साप्ताहिक बाजार होने से सीमेंट रोड पर भारी भीड़ रहती है। इस रोड पर बाजार के दिन चलने के लिए जगह नहीं रहती है। बारिश होने से बाजार में भीड़ कम थी। जिससे बढ़ हादसा टल गया और कोई जनहानि नहीं हुई। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में अनिल आहूजा द्वारा जूते-चप्पल की दुकान संचालित की जा रही थी। उनके द्वारा सामान खाली कर दिया गया था,लेकिन फर्नीचर दुकान में ही था। भवन के मलबे में फर्नीचर दब गया,जिससे लगभग दस लाख रुपए का नुकसान होना बताया जा रहा है। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बेरिकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया है। जर्जर भवन गिरने में नगर पालिका की लापरवाही भी सामने आ रही है। अधिकारियों ने इसे पहले ही चिहिंत क्यों नहीं किया और भवन मालिक के आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई में दस दिन लगा दिए गए जो कहीं न कहीं सवाल खड़े करता है।
साइड की दो दुकानों को खाली करने का नोटिस
नगर पालिका इंजीनियर नगेन्द्र वागद्रे ने बताया कि बिल्डिंग गिरने से उसके दोनों साइड की दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई है। दुकान संचालकों को दुकान खाली करने के निर्देश दिए हैं। दोनों दुकानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ने बताया कि नगर नगर पालिका ने शहर में 18 जर्जर भवनों को चिंहित कर खाली करने के नोटिस दिए हैं लेकिन कई भवन खाली नहीं किए जा रहे हैं। भवनों पर किराएदारों ने कब्जा कर रखा है और कोर्ट में केस चल रहा है। ऐसे भवनों को भी सख्ती से खाली कराकर सील करने की कार्रवाई की जाएगी। जिससे कि हादसा नहीं हो।