बेमियादी हड़ताल से आंगनबाड़ी केद्रों पर लटके ताले, पोषण आहार से वंचित हुए बच्चे
बेतुलPublished: Jan 27, 2023 08:55:24 pm
- कलेक्टर कार्यालय के सामने जिलेभर की कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन


हरदा. कलेक्ट्रेट के सामने मांगों के निराकरण को लेकर प्रदर्शन करतीं कार्यकर्ता, सहायिकाएं।
हरदा. महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताओं और सहायिकाएं अपनी 11 सूत्रीय मांगों के निराकरण को लेकर गत 23 जनवरी से कलेक्ट्रेट के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही हैं। शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इधर, आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लगने से बच्चों को पोषणा आहार सहित शासन की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ की जिलाध्यक्ष अर्चना गौर ने बताया कि लंबे समय से सरकार से उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित करने, 1500 रुपए देने की घोषणा पूरी करने सहित अन्य मांगों हल करने की मांग की जा रही है। लेकिन सरकार ध्यान देने को तैयार नहीं है। इसलिए प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता, सहायिकाओं को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
स्थान एक - शकूर कॉलोनी
शहर के वार्ड 28 के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्र 59 की कार्यकर्ता, सहायिका भी हड़ताल में शामिल होने के चलते केंद्र को बंद रखा गया है। वार्ड की सीमाबाई ने बताया कि कॉलोनी के बच्चे केंद्र में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए जा रहे थे, लेकिन हड़ताल के कारण चार दिनों से केंद्र बंद है, जिससे बच्चों को पोषण आहार भी नहीं मिल पा रहा है।
स्थान दो - एलआईजी कॉलोनी
वार्ड 18 के आंगनबाड़ी केंद्र 37 पर भी ताला लटका हुआ है। इससे कॉलोनी के गरीब बच्चों को केंद्र से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। महिलाओं ने बताया कि प्रतिदिन बच्चों को आंगनबाड़ी में भेज रहे थे, किंतु कार्यकर्ताओं ने हड़ताल के चलते से बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में बच्चों को घर पर ही रखना पड़ रहा है।
स्थान तीन - खंडवा बायपास रोड
वार्ड 16 के अंतर्गत आने वाले खंडवा बायपास मार्ग किनारे स्थित आंगनबाड़ी केंद्र 29 भी हड़ताल के कारण बंद होने से बच्चों का केंद्र बंद हो गया है। वार्ड की शोभाबाई कलम ने कहा कि वार्ड की गरीब बस्ती के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र पर आश्रित हैं। लेकिन केंद्र बंद होने से बच्चों को पोषण आहार और गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण से वंचित रहना पड़ रहा है।