एक अनोखा गांव, जहां है कुंवारों की फौज, इसलिए नहीं ब्याह रहा कोई अपनी लड़की
एक अनोखा गांव, जहां है कुंवारों की फौज, इसलिए नहीं ब्याह रहा कोई अपनी लड़की

बैतूल। बैतूल जिले में देड़पानी ग्राम पंचायत का काबरामाल गांव। जहां एक दो नहीं पूरी-पूरी कुंवारों की फौज है। इस गांव में कोई भी अपनी बेटी ब्याहने को तैयार नहीं है। जिस कारण युवा परेशान हैं। इसका कारण है गांव में पेयजल का संकट होना है। अब
पेयजल संकट से जूझ रहे गांवों में लोग नाराजगी जाहिर करते हुए लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं। दरअसल काबरामाल गांव की आबादी ७०० के लगभग है और इस गांव में लंबे समय से पानी का बड़ा संकट है। ग्रामीण जिन हैंडपंप के सहारे थे वे गर्मी शुरू होने से पहले ही बंद हो गए हैं। एक बोर कराया गया जिसमें भी पानी नही निकला। ग्रामीणों के पास पानी का एक मात्र साधन गांव से तीन किमी दूर एक कुंआ है उसमें भी ज्यादा पानी नहीं है। थोड़ा सा पानी रात भर में जमा होता है। कुंआ का पानी सीधे रस्सी डाल कर बाल्टी में नहीं भर पाते जिसके कारण लोगों को चालीस फीट से ज्यादा गहरे कुंआ में उतरकर पानी भरना पड़ता है। पानी कम होने के कारण पानी गंदा भी है पर लोगों को मजबूरी में इसी पानी को पीना पड़ता है। ग्रामीणों की माने तो पेयजल संकट उनके गांव के लड़कों के हाथ भी पीले नहीं हो पा रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि कई लड़के कुंवारे हैं और कोई लड़की देने को तैयार नहीं होता। जब भी रिश्ते की बात होती है तो वो बोलते हैं कि तुम्हारे गांव में पानी नहीं है। महिलाओं का कहना है कि कुंए में जान जोखिम में डाल कर उतरना पड़ता है और गंदा पानी पीने से लोग बीमार भी हो रहे हैं। पेयजल संकट से नाराज महिलाओं का कहना है उन्होंने सोचा है पानी नही देंगे तो हम वोट नहीं देंगे। गांव के युवा सुरेश का कहना है कि पानी की बहुत दिक्कत है जिसके कारण गांव के लड़कों की शादी के लिए कोई लड़की देने को तैयार नहीं है कहते है तुम्हारे गांव में पानी नहीं है। उर्मिला का कहना है कि पानी की दिक्कत है तीन किमी दूर से पानी लाना पड़ता है पानी नहीं देंगे तो हम महिलाओं ने सोचा है की हम वोट नही देंगे।
&कल ही पीएचई की टीम गांव में भेजी जाएगी। यदि हैंडपंप सूख गए हैं तो पानी की वैकल्पिक व्यवस्था के इंतजाम किए जाएंगे।
- विनोद कुमार छारी, कार्यपालन यंत्री पीएचई विभाग बैतूल।
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