उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा, 15 दिन में विद्युत तंत्र सुधार लें और ये नहीं कर सकते तो अपने बोरी बिस्तर बांध लें। सरकार ने बेहतर सुविधाएं देने के लिए निजी कंपनी को काम सौंपा है। सुधार नहीं हुआ तो काम वापस छीन लिया जाएगा।
सांसद बिरला ने कहा, यदि सुधार नहीं हुआ तो कंपनी को परिणाम भुगतना पड़ेगा। सरकार से बात करेंगे कि इस कंपनी को कोटा में रहने का अधिकार नहीं है। सांसद ने कहा, वे बिजली के निजीकरण के विरोध में हैं, सरकार से इस बारे में बात करेंगे। बैठक में विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि यदि व्यवस्था नहीं सुधरी तो अधिकारियों को कार्यालय में नहीं बैठने दिया जाएगा।