परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी थाने में दर्ज कराई थी। नाबालिग की गुमशुदगी के बाद आदिवासी गठन ने एक ज्ञापन भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सौंपकर नाबालिग को बेचे जाने की आशंका जताई थी। जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया था और टीमें गठित कर परिजनों के संदेह के आधार पर कुछ लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा भी था। यही कारण रहा कि पुलिस नाबालिग तक पहुंच कर उसे छुड़ा पाई।
पुलिस द्वारा बैतूल लेकर आया गया
घटना को लेकर बताया गया कि थाना क्षेत्र के अंर्तगत ग्राम रोझडा निवासी परिजनों ने एक जुलाई को एक नाबालिगलड़की की चिचोली थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने मुखबिरों की मदद ली और अलग-अलग जिलों में पुलिस दल भी नाबालिग की तलाश के लिए भेजा था। 16 वर्षीय नाबालिग राजगढ़ जिले के सिमाली कलागांव में मिली। जिसे बाद में पुलिस द्वारा बैतूल लेकर आया गया।
पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई की
उर्जा डेस्क प्रभारी एसआई प्रीति पाटिल ने बताया कि नाबालिग लड़की के अपहरण, बलात्कार एवं राजगढ़ ले जाकर बेचे जाने के मामले में एक आरोपी दुर्गा लाल निवासी सिमाली कलागांव राजगढ़ को हिरासत मे लेकर जेल भेज दिया है। बाकी पांच आरोपी की तलाश की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों पर 363, 376, 505, 34, पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी द्वारा नाबालिग का अपहरण करने के बाद उसे तीन दिन तक बैतूल के किसी अन्य गांव में रखा गया था। बाद में नाबालिक को राजगढ़ ले जाया गया। जहां उसके साथ बलात्कार किया गया। इसमें आरोपी के अन्य पांच सहयोगी साथी भी शामिल है। नाबालिग को एक लाख रुपए में बेच दिया गया।
आरोपियों ने किसे नाबालिग को बेचा था और कहां-कहां ले गए थे इसकी जानकारी अभी पुलिस द्वारा नहीं दी गई है, क्योंकि मामले से जुड़े पांच आरोपी अभी भी फरार बताए जाते हैं। जिसकी गिरफ्तारी होने के बाद ही पुलिस मामले का खुलासा कर सकती है।