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कॉलेज भवन के लिए तीन वर्षो में भी नहीं मिली जमीन

locationबेतुलPublished: Jan 21, 2019 09:23:34 pm

Submitted by:

ghanshyam rathor

घोड़ाडोंगरी और भीमपुर कॉलेज के लिए जिला प्रशासन द्वारा पिछले तीन वर्षो से जमीन की तलाश की जा रही है, जिसके बाद भी जमीन की तलाश पुरी नहीं हो सकी है।

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बैतूल। घोड़ाडोंगरी और भीमपुर कॉलेज के लिए जिला प्रशासन द्वारा पिछले तीन वर्षो से जमीन की तलाश की जा रही है, जिसके बाद भी जमीन की तलाश पुरी नहीं हो सकी है। जमीन की तलाश पुरी नहीं होने से कॉलेज भवन निर्माण की प्रक्रिया अधर में अटक गई है। घोड़ाडोंगरी और भीमपुर में वर्ष २०१६ में कॉलेज आरंभ किए गए है। कॉलेज आरंभ होने के साथ ही भवन के लिए जमीन की तलाश आरंभ की गई। घोड़ाडोंगरी कॉलेज में भवन निर्माण के लिए राजस्व विभाग को जमीन तो मिली, लेकिन जमीन दो भागों में मिलने के कारण जमीन कॉलेज प्रशासन को नहीं सौंपी जा सकी है। वहीं भीमपुर कॉलेज भवन के लिए वन विभाग की जमीन चिंहित की गई थी, जिस पर विभाग की आपत्ति आने के कारण जमीन का मामला अधर में अटका है। मामला पिछले तीन वर्षो से टीएल में रखा हुआ है, जिसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
६ एकड़ जमीन अनिवार्य
शासकीय निर्माण के लिए कॉलेज के पास में कम से कम ६ एकड़ जमीन अनिवार्य है। ऐसे में घोड़ाडोंडोंगरी में दो भागों में जमीन होने के कारण यहां पर भवन निर्माण की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि भीमपुर कॉलेज के निर्माण के लिए राजस्व विभाग के पास में जमीन नहीं है। वन विभाग के पास में जमीन है, लेकिन वन विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग तक ही जमीन आवंटित कर सकता है। उच्च शिक्षा विभाग को वन विभाग में जमीन आवंटित करने का प्रावधान नहीं है, ऐसे में मामला अटक गया।
एक हजार से अधिक छात्र अध्यनरत
भीमपुर और घाडोंडोंगरी कॉलेज पिछले तीन वर्षो से मॉडल स्कूल में संचालित किया जा रहा है। भीमपुर कॉलेज में करीब साढे छह सौ छात्र अध्ययनरत है। वहीं घोड़ाडोंगरी कॉलेज में साढे चार सौ छात्र पढ़ाई कर रहे है। स्कूल परिसर में कॉलेज संचालित होने से स्कूल की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
इनका कहना
भवन निर्माण के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। घोड़ाडोंगरी में जमीन मिली है। भीमपुर कॉलेज के जमीन की चयन की प्रक्रिया चल रही है।
डॉ राकेश तिवारी प्राचार्य जेएच कॉलेज बैतूल।

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