scriptसांसद को अंंतरिम स्टे देने से इंकार, समिति सदस्यों को नोटिस | Notice to the members of the denial committee, giving the stay to MP | Patrika News

सांसद को अंंतरिम स्टे देने से इंकार, समिति सदस्यों को नोटिस

locationबेतुलPublished: Mar 26, 2019 09:30:32 pm

Submitted by:

ghanshyam rathor

हाईकोर्ट ने बैतूल की सांसद एवं भाजपा की राष्ट्रीय सचिव ज्योति धुर्वे को आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा निरस्त करने के मामले में अंतरिम स्टे देने से इंकार कर दिया है।

fake Jati certificates

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बैतूल। हाईकोर्ट ने बैतूल की सांसद एवं भाजपा की राष्ट्रीय सचिव ज्योति धुर्वे को आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा निरस्त करने के मामले में अंतरिम स्टे देने से इंकार कर दिया है। इस मामले में राज्य शासन छानबीन समिति और उप समिति के सदस्यों को नोटिस जारी किया है। मप्र हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने राज्य सरकार सहित अनावेदकों को 4 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा है कि मामले की अगली तारीख 23 अप्रैल दी गई है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले मे फंसी बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे ने हाईकोर्ट की शरण ली है। धुर्वे ने 6 फरवरी 2019 को जनजातीय कार्य विभाग राज्य स्तरीय छानबीन समिति के फैसले को चुनौती देते हुए उन पर की गई कार्रवाई को गलत ठहराया है। याचिका में उन्होंने दलील दी है कि जाति प्रमाण पत्र की जॉच की जिस छानबीन समिति ने अपनी रिपोर्ट 5 फरवरी 2019 को सौंपी, उस पर उन्हें अपना पक्ष नहीं रखने दिया गया और एक दिन के अंदर ही विभाग ने 3 मई 2017 को दिए गए अपने फैसले को कायम रखा। सुनवाई के दौरान अदालत ने तथ्यों को सुनते हुए प्रदेश सरकार, छानबीन समिति समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार भी कर दिया है। मामले में शासन की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर एवं ज्योति धुर्वे के वकील अर्पण पवार ने अपने-अपने पक्षकारों का पक्ष रखा। इस मामले को लेकर बैतूल के वरिष्ठ अधिवक्ता शंकर पेंद्राम ने ज्योति धुर्वे के खिलाफ 2009 में शिकायत दर्ज कराई थी। जनजाति विभाग के आदेश के बाद बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण-पत्र कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने निरस्त कर दिया था। सरकार के जनजातीय कार्य विभाग की एक उच्चाधिकार छानबीन समिति ने सांसद ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने संबंधी अपने पिछले निर्णय को बरकरार रखा था। इस संबंध में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक कपिल वर्मा ने बताया कि सांसद ज्योति धुर्वे की याचिका को हाईकोर्ट में सुनवाई योग्य माना गया है। इसी के तारतम्य में छानबीन समिति के सदस्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस के जवाब आने के बाद आगे कार्रवाई होगी।
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