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खरपतवार नष्ट करने जलाशय में छोड़ी एक लाख मछली, सप्ताह में एक दिन श्रमदान भी करेंगे

locationबेतुलPublished: Nov 19, 2019 10:59:25 pm

Submitted by:

yashwant janoriya

एमपीपीजीसीएल के एमडी ने किया जलाशय का निरीक्षण

एमपीपीजीसीएल के एमडी ने किया जलाशय का निरीक्षण

एमपीपीजीसीएल के एमडी ने किया जलाशय का निरीक्षण

सारनी. मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के एमडी अनूप कुमार नंदा मंगलवार को दिनभर सारनी में रहे। सुबह से दोपहर तक एमडी समेत सतपुड़ा पॉवर प्लांट के आलाअफसरों ने निरीक्षण किया। सोमवार रात में ही एमडी सारनी पहुंच गए थे। सुबह 9 बजे सतपुड़ा जलाशय पहुंचकर पानी की सतह पर फैल रही खरपतवार देखी। अलग-अलग लोकेशन पर एमडी ने स्वयं पहुंचकर खरपतवार से पटे जलाशय का निरीक्षण किया। इसके बाद कोल हैंडलिंग प्लांट पहुंचे। यहां वैगन टिप्लर, रेलवे ट्रेक का निरीक्षण करते हुए सीमेंट उद्योग के लिए ग्रेडिंग यूनिट स्थापित करने वाले स्थल का निरीक्षण कर ड्राइंग, डिजाइन देखी। इसके बाद 660 मेगावाट की प्रस्तावित इकाई स्थल का निरीक्षण कर मुख्य अभियंता कार्यालय में बैठक लेकर आवश्यक चर्चा की। दोपहर बाद एमडी ने सतपुड़ा पॉवर प्लांट पहुंचकर पीएच फोर का जायजा लिया। यहां पीसीआर में बैठकर चल रही विद्युत इकाइयों की जानकारी ली। तत्पश्चात एमडी ने बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
ग्रेडिंग यूनिट लगने से मिलेगा रोजगार
कोल हैंडलिंग प्लांट में ग्रेडिंग यूनिट स्थापित होने से औद्योगिक नगरी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को रोजगार मिलेगा। बताया जा रहा है कि सीएचपी में ग्रेंडिंग यूनिट के लिए 4 एकड़ जमीन पहले से चिन्हित है। दो साल पहले यह प्लान तैयार हुआ था, लेकिन उस पर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। मंगलवार को एमडी और ऊर्जा प्रमुख सचिव के सारनी आने व निरीक्षण करने से ग्रेडिंग यूनिट लगने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल सारनी में भरपूर राख है। ग्रेडिंग यूनिट में सीमेंट तैयार होकर रेलवे मार्ग से ही परिवहन होगी।
निरीक्षण किया है, खरपतवार को लेकर वैज्ञानिकों से ले रहे हैं सलाह
जबलपुर एमपीपीजीसीएल एमडी अनूप कुमार नंदा ने बताया कि मैंने जलाशय का निरीक्षण किया है। विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं। खरपतवार नष्ट करने जलाशय में एक लाख मछली छोड़ी है। सप्ताह में एक दिन श्रमदान करेंगे। व्यक्तिगत मैं खुद इस विषय को देख रहा हूं। जलकुंभी निकलना है। फिर उसे नष्ट करना है। कर्नाटक और बिहार के जलाशयों में भी यह समस्या है। 660 मेगावाट का एरिया देखा है। हम कंपनी स्तर पर आगे बढ़ रहे हैं। सरकार की ओर से अभी मंत्रिमंडल से अप्रूव्ड नहीं हुआ है। पर्यावरण स्वीकृति के लिए चर्चा चल रही है। 25 को पर्यावरण विभाग के अधिकारी सारनी आएंगे। सीमेंट क्लींकर ग्रेंडिंग एण्ड प्रोसेसिंग मशीन लगना है। राख सबसे बड़ी समस्या है। इसका उपयोग 100 फीसदी करना है। इसको लेकर लगातार प्लान तैयार किए जा रहे हैं। खरपतवार को लेकर इंडियन एग्रीकल्चर के वैज्ञानिकों से सलाह ले रहे हैं।
प्रस्तावित इकाई की ली जानकारी : एमडी के आने की खबर लगते ही ब्लाक कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधि मंडल पॉवर हाउस क्रमांक-चार पहुंचे। यहां अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय में एमडी से मुलाकात कर सारनी के लिए प्रस्तावित 660 मेगावाट की विद्युत इकाई और सतपुड़ा जलाशय में तेजी से फैल रही खरपतवार के मुद्दे पर चर्चा की। जलाशय की सफाई के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं इसकी जानकारी ली। तत्पश्चात ब्लाक कांग्रेस ने एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया गया है कि जब तक नई इकाई स्थापित करने का कार्य प्रारंभ नहीं होता है तब तक पुरानी इकाइयों को नहीं तोड़ा जाए।
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