बेतुल

कोयला लेकर आ रही मालगाड़ी के इंजन पर पथराव, कांच टूटे, बालबाल बचे चालक

घटना की जानकारी सतपुड़ा प्रबंधन को लगते ही हडक़ंप मच गया। राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) और कंपनी के सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे।

बेतुलFeb 17, 2019 / 11:00 pm

rakesh malviya

कोयला लेकर आ रही मालगाड़ी के इंजन पर पथराव, कांच टूटे, बालबाल बचे चालक

सारनी. बिलासपुर के सीसीआईपी साइडिंग से कोयला लेकर सारनी आ रही मालगाड़ी के इंजन पर असामाजिक तत्वों ने पथराव करने का मामला सामने आया है। घटना शनिवार शाम उस वक्त की है। जब घोड़ाडोंगरी से 58 कोयले की वैगन लेकर मालगाड़ी सारनी आ रही थी। इसी दौरान कोल हैंडलिंग प्लांट और बजरंग मंदिर के बीच असामाजिक तत्वों ने कोयला चोरी करने के उद्देश्य से इंजन पर पथराव कर दिया। इससे इंजन में लगे कांच टूट गए। दोनों चालक बाल-बाल बचे। बताया जा रहा है कि इंजन में दो चाल और एक गार्ड मौजूद थे। जिन्होंने सुझबूझ का परिचय देते हुए अपनी जान बचाते हुए इंजन समेत मालगाड़ी सीएचपी के भीतर ले आई। घटना की जानकारी सतपुड़ा प्रबंधन को लगते ही हडक़ंप मच गया। राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) और कंपनी के सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक अंधेरे का फायदा उठाकर पथराव करने वाले लोग भाग खड़े हुए। इनका मुख्य उद्देश्य मालगाड़ी रोककर कोयला चोरी करना था। इसके अलावा दीवार तोडक़र भी स्क्रेप व कोयला चोर सीएचपी के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। निरीक्षण में 10 से अधिक ऐसे स्थान है। जहां से दीवार टूटी है।
जिम्मेदारी संभालते ही व्यवस्था बिगड़ी –
सतपुड़ा प्रबध्ंान ने जब से कोयले की रैक अंदर करने से लेकर एमटी लाइन पर लाने तक की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली है। तब से कोयला चोरी की वारदात बढ़ी है। इससे पहले यह कार्य रेलवे का हुआ करता था। ऐसा करने से मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी को डैमरेज चार्ज भी अधिक भरना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि पहले लोड आने पर जब तक एमटी बाहर लाइन तक नहीं पहुंचती थी। तब तक दूसरा लोड नहीं आता था। लेकिन जब से रेलवे से यह व्यवस्था सतपुड़ा ने ली है। तब से एक-एक कर पांच लोड एक साथ सीएचपी तक पहुंच सकती है। ऐसा इसलिए हो सकता है। क्योंकि सीएचपी में पांच रेलवे ट्रेक है। ऐसा करने से प्लांट में कोयला तो समय पर पहुंच जाएगा। लेकिन रैक निर्धारित समय से ज्यादा खड़ी रही तो डैमरेज चार्ज भरना पड़ेगा।
बढ़ गई कोयले की चोरी
रेलवे से जब से सतपुड़ा ने जिम्मेदारी ली है। तब से कोयला चोरी बढ़ गई है। सीएपची में पहले से लाइन व्यस्थ रहने से घोड़ाडोंगरी की ओर से लोड लेकर सारनी पहुंचने वाली रैक को सीएचपी के बाहर ही रोकना पड़ रहा है। इस बीच अपनी जान जोखिम में डालकर लोग प्रेशर गिराकर कोयला चोरी करने में जुट जाते हैं। बीते एक माह में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है। मालगाड़ी के रूकते ही लोग चढ़ जाते हैं और कोयला नीचे फेंकने लगते हैं। सुरक्षा गार्डों को आता देख ऊपर से ही कूदकर भागने लगते हैं। इस दौरान हादसे का अंदेशा बना रहता है।
निरीक्षण कर दी हिदायत
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के चीफ इंजीनियर वीके कैलासिया के निर्देश पर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के निरीक्षक जितेन्द्र सिंह चौहान, मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के सुरक्षा अधिकारी राकेश भार्गव अपने 50 से अधिक जवानों के साथ संयुक्त कार्रवाई करने रविवार को निकल पड़े। कोल हैंडलिंग प्लांट से लेकर आजाद नगर, अंबेडकर नगर और बजरंग मंदिर तक पैदल ही निरीक्षण किया। इसके बाद रेलवे ट्रेक और सीएचपी की बाउंड्रीवाल का निरीक्षण किया। जिसमें पाया कि दस से अधिक स्थानों पर दीवार टूटी है। जहां से चोर प्रवेश करते हैं। वहीं कालोनियों में निरीक्षण किया तो लगभग हर दूसरे घर में कोयला मिला। पहली बार हिदायत देकर छोड़ दिया गया। लेकिन दोबारा कोयला मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। वहीं कुछ लोग रेलवे ट्रेक पर बैठे तो कुछ शराब पीते पाए गए। इन्हें भी समझाइश दी है।

इनका कहना
मालगाड़ी के इंजन पर पथराव कर रोकने का प्रयास हुआ था। इसके बाद चीफ इंजीनियर के निर्देश पर एसआईएसएफ के निरीक्षक जितेन्द्र सिंह चौहान के साथ पूरे एरिया का निरीक्षण कर हिदायत दी गई है। कुछ संदिग्धों को भी चिन्हित किए हैं। जिन पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
राकेश भार्गव, मुख्य सुरक्षा अधिकारी, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी।
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