scriptगढ़ा डैम के विरोध में हाईकोर्ट में दायर की याचिका | Petition filed in the High Court opposing Gadhada Dam | Patrika News

गढ़ा डैम के विरोध में हाईकोर्ट में दायर की याचिका

locationबेतुलPublished: Sep 10, 2018 01:51:12 pm

Submitted by:

rakesh malviya

किसानों ने कहा किसी भी सूरत में नहीं बनने देंगे डैम, मुख्यमंत्री के बैतूल आगमन पर ज्ञापन सौंपने की तैयारी

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बैतूल. गढ़ा जलाशय को लेकर अब क्षेत्र के किसान आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूड में नजर आ रहे हैं। 159 करोड़ की लागत वाले जलाशय को निर्माण रोके जाने को लेकर किसानों ने कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है। वहीं अब 11 सिंतबर को मुख्यमंत्री के बैतूल आगमन पर किसान प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि किसी भी हालत में डैम को बनने नहीं दिया जाएगा। भले ही इसके लिए हमें अपना खून भी बहाना क्यों न पड़े।
अधिकारियों को नोटिस जारी किए
उल्लेखनीय हो कि गढ़ा जलाशय के निर्माण को लेकर पहले से ही विवाद चला आ रहा है लेकिन विवादों के बाद भी शासन द्वारा डैम निर्माण के लिए मंजूरी प्रदान कर दी गई लेकिन ग्रामीण अब भी डैम नहीं बनने देने की जिद पर अड़े हैं। डैम बनने से प्रभावित 250 किसानों ने अधिवक्ता गिरीश गर्ग के माध्यम से अधिकारियों को नोटिस जारी कराए हैं। इनमें अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया, कलेक्टर शशांक मिश्र, जलसंसाधन ईई अमर येवले, चीफ इंजीनियर शामिल है। डैम निर्माण को लेकर शासन द्वारा जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसे निरस्त करने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है।
एक हजार किसानों की जमीनें डूब में
क्षेत्र के कृषक नवनीत सोनी, कृष्णा यादव, मधु यादव आदि ने बताया कि गढ़ा डैम के बनने से क्षेत्र के एक हजार किसानों की करीब ढाई हजार हेक्टेयर भूमि डूब में जा रही है। किसान की यह जमीनें सिंचित है लेकिन इसके बाद भी भूमि का अधिग्रहण करने की तैयारी की जा रही है। यदि ऐसा होता है तो किसी भी सूरत में डैम को नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि भूमि अर्जन पुर्न व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 11 के अनुसार 31 जुलाई 2018 को अधिसूचना का प्रकाशन किया गया है। राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन मिलकर लगातार हर स्तर पर भूमि अर्जन अधिनियम 2013 का उल्लंघन एवं अवहेलना कर रहा है। गढ़ा जलाशय से प्रभावित 80 प्रतिशत से अधिक किसान जलाशय निर्माण का विरोध कर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन कानून का उल्लंघन करनेे पर आमदा है। मुख्यमंत्री से हम मिलकर उनसे एक ही सवाल करेंगे कि आपकी सरकार भूमि अर्जन अधिनियम 2013 का पालन किए जाने के लिए तैयार है या नहीं।
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