छत से टपक रहा पानी, दीवारों में आई सीलन –
डाकघर का हाल यह है कि एक हाल के रूप में समूचा डाक विभाग संचालित हो रहा है। इस अव्यवस्था में भवन की स्थिति महत्वपूर्ण कारण है। भवन गीला होने के कारण ओवर वोल्टेज मिल रहा है। जिससे सप्लाईफाल्ट हो रही है। भवन की दीवारों में दरारें आ गई है, वहीं छत पर भी पानी भरा रहता है, जिससे भवन अंदर से भी गीला हो जाता है। छत से पानी टपक रहा है, वहीं भवन की दीवारों में सीलन आ गई है। हाल ही में हुई बारिश के बाद यह अव्यवस्थाएं और अधिक बढ़ गई है। बारिश में आए दिन डाकघर में कामकाज बंद हो जाता है। इससे पूर्व भी लगातार डाकघर का काम बंद रह चुका है। पूर्व में जपं द्वारा भवन को दुरूस्त कराने का प्रस्ताव भी लिया गया था, लेकिन दुरूस्त नहीं कराया गया। वहीं डाक विभाग द्वारा भी सुध नहीं ली जा रही है। जिससे परेशानियां बढ़ रही है।
डाकघर का हाल यह है कि एक हाल के रूप में समूचा डाक विभाग संचालित हो रहा है। इस अव्यवस्था में भवन की स्थिति महत्वपूर्ण कारण है। भवन गीला होने के कारण ओवर वोल्टेज मिल रहा है। जिससे सप्लाईफाल्ट हो रही है। भवन की दीवारों में दरारें आ गई है, वहीं छत पर भी पानी भरा रहता है, जिससे भवन अंदर से भी गीला हो जाता है। छत से पानी टपक रहा है, वहीं भवन की दीवारों में सीलन आ गई है। हाल ही में हुई बारिश के बाद यह अव्यवस्थाएं और अधिक बढ़ गई है। बारिश में आए दिन डाकघर में कामकाज बंद हो जाता है। इससे पूर्व भी लगातार डाकघर का काम बंद रह चुका है। पूर्व में जपं द्वारा भवन को दुरूस्त कराने का प्रस्ताव भी लिया गया था, लेकिन दुरूस्त नहीं कराया गया। वहीं डाक विभाग द्वारा भी सुध नहीं ली जा रही है। जिससे परेशानियां बढ़ रही है।
जपं के इंजीनियरों ने माना भवन उपयोग योग्य नहीं-
जनपद पंचायत के इस भवन को दुरूस्त करने की मांग कई बार की चुकी है, लेकिन जनपद के इंजीनियरों ने भी भवन को उपयोगहीन बताया है। वहीं इस भवन का दुरूस्तीकरण भी नहीं किया जा सकता है। जनपद के इंजीनियरों ने डाक विभाग को इस संबंध में लिखित रूप से भी अवगत कराया है। जिसमें भवन से दुर्घटना होने का अंदेशा बताया है। भवन की इतनी खस्ताहाल स्थिति होने के बाद बावजूद भी कोई अन्य व्यवस्था नहीं की जा रही है। स्थानीय स्तर से भी वरिष्ठ कार्यालय को करीब 6 माह पूर्व अवगत कराया गया था, लेकिन उस पर विभाग द्वारा कोई निर्णय नहीं ले सका है।
जनपद पंचायत के इस भवन को दुरूस्त करने की मांग कई बार की चुकी है, लेकिन जनपद के इंजीनियरों ने भी भवन को उपयोगहीन बताया है। वहीं इस भवन का दुरूस्तीकरण भी नहीं किया जा सकता है। जनपद के इंजीनियरों ने डाक विभाग को इस संबंध में लिखित रूप से भी अवगत कराया है। जिसमें भवन से दुर्घटना होने का अंदेशा बताया है। भवन की इतनी खस्ताहाल स्थिति होने के बाद बावजूद भी कोई अन्य व्यवस्था नहीं की जा रही है। स्थानीय स्तर से भी वरिष्ठ कार्यालय को करीब 6 माह पूर्व अवगत कराया गया था, लेकिन उस पर विभाग द्वारा कोई निर्णय नहीं ले सका है।
रोजाना प्रभावित हो रहा 3 लाख का लेनदेन –
डाकघर के माध्यम से प्रतिदिन 3 लाख रुपए का लेनदेन होता है, लेकिन इस प्रकार की अव्यवस्था के कारण लेनदेन प्रभावित हो रहा है। नकदी राशि की आवश्यकता वाले उपभोक्ता बार बार चक्कर लगा रहे है, लेकिन व्यवस्थाए ठप्प पड़ी होने के कारण लेनदेन नहीं हो पा रहा है। डाकघर से करीब 44 हजार खातों का संचालन किया जाता है। जिसमें सबसे अधिक करीब 28 हजार आरडी खाते है। वहीं 15 हजार बचत, 6 00 मासिक आय योजना एवं 500 सावधि जमा खाते है। जिनके माध्यम से डाकघर के माध्यम से लेन देन का कार्य किया जाता है। खातों से किसी भी प्रकार का लेन देन और प्रक्रिया भी नहीं हो पा रही है।
डाकघर के माध्यम से प्रतिदिन 3 लाख रुपए का लेनदेन होता है, लेकिन इस प्रकार की अव्यवस्था के कारण लेनदेन प्रभावित हो रहा है। नकदी राशि की आवश्यकता वाले उपभोक्ता बार बार चक्कर लगा रहे है, लेकिन व्यवस्थाए ठप्प पड़ी होने के कारण लेनदेन नहीं हो पा रहा है। डाकघर से करीब 44 हजार खातों का संचालन किया जाता है। जिसमें सबसे अधिक करीब 28 हजार आरडी खाते है। वहीं 15 हजार बचत, 6 00 मासिक आय योजना एवं 500 सावधि जमा खाते है। जिनके माध्यम से डाकघर के माध्यम से लेन देन का कार्य किया जाता है। खातों से किसी भी प्रकार का लेन देन और प्रक्रिया भी नहीं हो पा रही है।
इनका कहना है-
समस्या हमारे संज्ञान में है। डाकघर के लिए दूसरा भवन ढूंढ लिया गया है। शीघ्र ही डाकघर को दूसरे भवन मे स्थानांतरित किया जाएगा।
वसुंधरा गुलहाने, एएसपी, डाक, होशंगाबाद
समस्या हमारे संज्ञान में है। डाकघर के लिए दूसरा भवन ढूंढ लिया गया है। शीघ्र ही डाकघर को दूसरे भवन मे स्थानांतरित किया जाएगा।
वसुंधरा गुलहाने, एएसपी, डाक, होशंगाबाद