प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में 243 नए आवास स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा बैतूलबाजार के 107 आवास एवं आमला के 35 आवास शामिल है। इन आवासों की फाइलें अनुमोदन के लिए डेढ़ माह पहले कलेक्टोरेट कार्यालय भेजी गई थी। तहसीलदार एवं एसडीएम द्वारा फाइलों का परीक्षण करने के उपरांत प्रकरण जिला शहरी विकास अभिकरण विभाग के माध्यम से कलेक्टर के अनुमोदन के लिए भेजे जाते है लेकिन अभी तक अनुमोदन की प्रक्रिया नहीं होने के कारण मामला लेटलतीफ होते जा रहा है। बताया गया कि प्रकरणों में कुछ आपत्तियां लगी होने के कारण इन्हें अनुमोदित नहीं किया जा सका है। वहीं हितग्राही आवास योजना के लिए आवेदन करने के बाद से स्वीकृति के लिए नगरपालिका के चक्कर काट रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के पांचवें चरण में 74 आवासों के निर्माण के लिए डीपीआर बनाकर राशि स्वीकृति के लिए जनवरी माह में शासन को भेजा गया था, लेकिन अभी तक राशि स्वीकृत नहीं हो सकी है। ऐसे में आवास निर्माण के लिए हितग्राही नगरपालिका के चक्कर काट रहे हैं। बताया गया कि बजट नहीं होने के चलते राशि का आंवटन शासन स्तर से नहीं हो सका है। वहीं नपा ने अब छटवें चरण में 243 आवासों के प्रकरण अनुमोदन के लिए भेजे हें।
बैतूल शहर में बीते तीन सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 हजार 101 मकान स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 1350 मकानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जिसमें लोग वर्तमान में निवासरत है। जबकि 751 मकान निर्माणाधीन बताए जाते हैं लेकिन इनकी किस्त देरी से आने के कारण निर्माण कार्य सुस्त गति से चल रहे हैं। वहीं लगातार बारिश की वजह से भी निर्माण कार्य में दिक्कतें आ रही है। बताया गया कि आवास योजना के प्रकरण स्वीकृत होने पर राशि सीधे हितग्राही के खातों में तीन किस्तों में डाली जाती है। वर्तमान में जो भवन निर्माणाधीन होना बताए जाते हैं बजट के अभाव में उनकी किस्तों में भी लेटलतीफी हो रही है।
जर्जर एवं कच्चे मकानों में निवास कर रहे लोगों ने बारिश के पूर्व प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किए थे ताकि बारिश के पूर्व भवन निर्माण पूर्ण कर लिया जाए लेकिन आवास योजना के प्रकरणों की फाइलें कछुआ गति से चलने के कारण अभी तक कलेक्टोरेट से आगे नहीं बढ़ सकी है। नगरपालिका का कहना है कि हमनें तो अपनी तरफ से हितग्राहियों की सूची एवं अन्य जरूरी दस्तावेजों की सूची बनाकर अनुमोदन के लिए कलेक्टोरेट, एसडीएम एवं तहसीलदार के यहां भेज दी है लेकिन अभी तक अनुमोदन अनुमोदन नहीं हो सका है। जैसे ही अनुमोदन होगा सूची शासन को भेज दी जाएगी।
शहरी आवास योजना के प्रकरण अनुमोदन के लिए मेरे पास नहीं आए हैं। पहले प्रकरण अनुविभागीय राजस्व अधिकारी के पास जाते हैं। वहां से फिर मेरे पास आते हैं। मैं दिखवाता हूं।
तेजस्वी एस नायक, कलेक्टर
राजीव रंजन पांडे, एसडीएम
प्रियंका सिंह, सीएमओ