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पढ़े, कैसे लिफ्ट में फंसे मरीज के परिजन गेट तोड़कर बाहर निकालना पड़ा

locationबेतुलPublished: Jul 09, 2019 09:34:11 pm

Submitted by:

Devendra Karande

अभी जिला अस्पताल के वार्डों में पानी भराने और संयुक्त कलेक्टोरेट में सर्विस डक्ट से गिरकर बाढ़ नियंत्रण में डयूटी करने वाले कर्मचारी की मौत की जांच शुरू भी नहीं हो सकी है कि मंगलवार अस्पताल के नए भवन की लिफ्ट में प्रसव के लिए आई महिला के तीन परिजन लिफ्ट में फंस गए।

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बैतूल। अभी जिला अस्पताल के वार्डों में पानी भराने और संयुक्त कलेक्टोरेट में सर्विस डक्ट से गिरकर बाढ़ नियंत्रण में डयूटी करने वाले कर्मचारी की मौत की जांच शुरू भी नहीं हो सकी है कि मंगलवार अस्पताल के नए भवन की लिफ्ट में प्रसव के लिए आई महिला के तीन परिजन लिफ्ट में फंस गए। तीनों लगभग आधा घंटा तक लिफ्ट में ही फंसे रहे। परिजनों को लिफ्ट का गेट तोड़कर बाहर निकाला गया। जिससे एक बार फिर अस्पताल भवन के निर्माण में लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
सारणी निवासी रोहित पांडे ने बताया कि पत्नी आशा पांडे को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया है। डॉक्टर ने बताया कि सीजर करना पड़ेगा। ब्लड का इंतजाम करने के लिए कहा। जिससे परिजन विपिन पांडे और प्रमोद सिसोदिया को लेकर आए थे। विपिन ने रक्तदान किया और नीचे आ रहे थे। विपिन को चक्कर आने लगे तो लिफ्ट में सवार हो गए। लिफ्ट से नीचे आए और गेट खोलने का प्रयास किया,लेकिन गेट ही नहीं खुला। लिफ्ट को दोबारा ऊपर लेकर गए तो यह पहली मंजिल पर आकर अटक गई। यहां पर भी गेट नहीं खुला। लगभग आधा घंटे तक तीनों लिफ्ट में ही फंसे रहे। लिफ्ट का गेट खोलने का सभी ने प्रयास किया,लेकिन नहीं खुल सका। आखिरकार बल्ली गेट में फंसाकर गेट तोडऩा पड़ा। जिसके बाद तीनों बाहर आ सके। विपिन ने बताया कि गेट नहीं खुलने से हालत बिगडऩे लगी थी। गेट को तोड़ा नहीं जाता किसी अप्रिय घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता था। कुछ दिनों में ही लिफ्ट के खराब होने से इसकी गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। लिफ्ट के संचालन के लिए तकनीकी स्टॉफ को भी नहीं रखा गया है। मरीज स्वयं ही लिफ्ट को संचालित कर रहे हैं।
स्टॉफ बना मूकदर्शक
लिफ्ट में तीन लोंगों के फंसने के बाद भी स्टॉफ मूकदर्शक बना रहा। दोपहर में तीन बजे के लगभग जिस समय घटना हुई सीएस भी अपने कक्ष में नहीं थे। तीनों को लिफ्ट से निकालने के बाद सीएस अपने कमरे में आ गए थे,लेकिन उन्होंने लिफ्ट तक आना भी मुनासिब नहीं समझा। बाद जब मीडियाकर्मी पहुंचे तो उन्हें नियमों का पाठ पढ़ाते रहे।
अस्पताल भवन में भराया था पानी, हो रहा सीपेज
अस्पताल भवन में थोड़ी सी बारिश में ही वार्डों में पानी भरा गया था। जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ा था। बारिश नहीं होने के बाद भी वार्डों मेंंं सीपेज हो रहा है। दवा काउंटर के पास पानी पहुंच रहा है। पाइप लाइन के लीकेज के चलते यह स्थिति बन रही है। इसके बाद भी सुधार नहीं हो पा रही है।
जनरल ओपीडी के पास ही खोली टीबी की ओपीडी
जिला अस्पताल के नए भवन में जनरल ओपीडी के पास ही टीबी के मरीजों की ओपीडी खोल दी है। टीबी के मरीज दंत ओपीडी के पास ही खड़े रहकर अपना इलाज कराते हैं। जिससे अन्य मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। बर्न वार्ड के पास ही आइसोलेशन का वार्ड को रखा गया है।
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