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पढ़े, पीएस बोली सिटी स्केन वाले बहुत कमा चुके, इन्हें रवाना करें

सिटी स्केन वाले बहुत कमाई कर चुके हैं, कोर्ट से स्टे का खात्मा कराकर अब इन्हें रवाना किया जाए। जब राज्य सरकार ने सिटी स्केन के रेट ९५० रुपए निर्धारित कर दिए हैं तो फिर सिटी स्केन वाले सरकार से १७५० प्रति स्केन का चार्ज क्यों वसूल रहे हैं। यह वैधानिक नहीं है। आज से इन्हें स्टेट के रेट के हिसाब से भुगतान शुरू किया जाए। यह बात स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव डॉ पल्लवी जैन गोविल ने कहीं।

बेतुलFeb 22, 2020 / 09:21 pm

Devendra Karande

After Health Minister, Principal Secretary did a surprise visit to District Hospital

बैतूल। सिटी स्केन वाले बहुत कमाई कर चुके हैं, कोर्ट से स्टे का खात्मा कराकर अब इन्हें रवाना किया जाए। जब राज्य सरकार ने सिटी स्केन के रेट ९५० रुपए निर्धारित कर दिए हैं तो फिर सिटी स्केन वाले सरकार से १७५० प्रति स्केन का चार्ज क्यों वसूल रहे हैं। यह वैधानिक नहीं है। आज से इन्हें स्टेट के रेट के हिसाब से भुगतान शुरू किया जाए। यह बात स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव डॉ पल्लवी जैन गोविल ने कहीं। वे शनिवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के लिए बैतूल पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान नवागत कलेक्टर राकेश सिंह भी मौजूद थे। प्रमुख सचिव ने कहा कि यदि सिटी स्केन का १७५० रुपए प्रति स्केन के हिसाब से भुगतान किया जाता है तो एजी (आडिटर जनरल ग्वालियर) आपत्ति ले लेगा। राज्य स्तर से निर्धारित दर से ज्यादा का भुगतान नहीं किया जाए। उन्होंने सिटी स्केन सेंटर की रेट लिस्ट की अपने मोबाइल से फोटो की खींची। प्रमुख सचिव जैन ने ओपीडी, आयुषमान कक्ष, ब्लड बैंक, दवा वितरण कक्ष, डायलिसिस यूनिट एवं सिटी स्केन सेंटर का निरीक्षण भी किया। करीब पौन घंटे के निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों के लिए बेहतर उपचार सुविधाएं मुहैया कराने के चिकित्सकों को निर्देश दिए।
ब्लड बैंक ब्लड सेपरेटर की व्यवस्था के निर्देश
ब्लड बैंक के निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव पल्ली जैन ने ब्लड सेपरेटर मशीन को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर की मशीन भी क्रय करती है तो इसके लिए चिकित्सक एवं टेक्निशियन की आवश्यकता होगी और खर्च भी बढ़ेगा। स्वास्थ्य विभाग में अमले की पहले से कमी है। इसलिए मशीन क्रय करने से कोई मतलब नहीं है। इसे हम पीपीपी मोड पर भी संचालित कर सकते हैं। ब्लड सेपरेटर यूनिट की स्थापना के लिए सरकार जमीन उपलब्ध करा सकती हैं। निजी अस्पताल से समझौता कर इस यूनिट की स्थापना की जा सकती है। ताकि आवश्यकता पडऩे पर उपयुक्त कम्पोनेन्ट में मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराया जा सके। प्रमुख सचिव ने डायलिसिस यूनिट का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने भर्ती मरीज से चर्चा कर उनका हाल-चाल पूछा।
कलर कोडेड डोज स्लिप का विमोचन किया
प्रमुख सचिव डॉ जैन ने औषधि वितरण कक्ष में कलर कोडेड डोज स्लिप का विमोचन किया। यह एक नवाचार है, जिसमें दवाई की खुराक के बारे में जानकारी दवाईयों पर ही चिपका दी जाएगी। जिससे मरीज को समय पर दवा लेने में आसानी होगी। प्रमुख सचिव द्वारा दवा काउंटर का भी निरीक्षण किया गया। काउंटर पर मौजूद सिरप एवं टेबलेट को उठाकर उनके द्वारा बारिकी से निरीक्षण भी किया गया। उन्होंने दवा काउंटर की व्यवस्था बेहतर पाए जाने पर इसकी प्रशंसा की। साथ ही कहा कि मरीजों को दी जाने वाली दवाईयों में कलर कोडेड डोज स्लिप लगाकर ही दी जाए ताकि दवा लेने में आसानी हो सके। बताया गया कि जिला अस्पताल में लगभग ढाई सौ प्रकार की दवाएं आती है।
अस्पताल में एप्रिन पहने नजर आए डॉक्टर
आमतौर पर जिला अस्पताल में डॉक्टर और आम लोगों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन प्रमुख सचिव के बैतूल दौरे के चलते आज डॉक्टर अपनी वास्तविक वेशभूषा में नजर आए। सभी डॉक्टरों ने सफेद रंग का एप्रिन पहना हुआ था। गले में आई कार्ड भी डाले हुए थे। इसके अलावा नर्स एवं कंपाउंडर भी बकायदा ड्रेस कोड में नजर आए। निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ जीसी चौरसिया, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके धुर्वे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ अरविंद भट्ट, सिविल सर्जन डॉ प्रदीप धाकड़, एमडी मेडिसिन डॉ ओपी माहोर, वरिष्ठ पैथालाजिस्ट डॉ डब्ल्यूए नागले, डॉ अशोक बारंगा, डॉ एके पांडे, जिला क्षय अधिकारी डॉ राहुल श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। प्रमुख सचिव ने दोपहर पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झल्लार में लेब प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थियेटर एवं वार्उ का भी निरीक्षण किया था।
स्वास्थ्य मंत्री के दो दिन बाद प्रमुख सचिव का दौरान चर्चा में
दो दिन पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भी वार्डों में जाकर मरीजों को प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी ली थी। उन्होंने कुछ व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश भी दिए थे। जिसके दो दिन बाद प्रमुख सचिव डॉ जैन भी औचक निरीक्षण करने के लिए जिला अस्पताल पहुंची थी। इसे संयोग ही कहा जाए कि स्वास्थ्य मंत्री छिंदवाड़ा जाने के दौरान अचानक बैतूल में रूककर जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। इसी प्रकार प्रमुख सचिव ने भी छिंदवाड़ा से लौटते वक्त अचानक बैतूल में रूककर निरीक्षण किया। दोनों निरीक्षण महज औपचारिकता भर लगे, क्योंकि इन निरीक्षणों से अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला।

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