पढ़े, कलेक्टर ने किसानों के साथ बैठकर किया भोजन, धोइ स्वयं की थाली
बेतुलPublished: Dec 06, 2019 09:25:53 pm
कलेक्टर तेजस्वी एस नायक ने कृषि मंडी बडोरा में निरीक्षण के दौरान किसानों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता देखने किसानों के साथ बैठकर भोजन किया। इतना ही नहीं भोजन करने के बाद केंटिन के सामने लगे नल पर अपनी थाली स्वयं धोकर स्वच्छता का संदेश दिया।
Collectors who wash their plate themselves after having a meal
बैतूल। कलेक्टर तेजस्वी एस नायक ने कृषि मंडी बडोरा में निरीक्षण के दौरान किसानों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता देखने किसानों के साथ बैठकर भोजन किया। इतना ही नहीं भोजन करने के बाद केंटिन के सामने लगे नल पर अपनी थाली स्वयं धोकर स्वच्छता का संदेश दिया। कृषक भवन के कमरों में लगे ताले तोड़कर इनका भी निरीक्षण किया। कलेक्टर और एसडीएम ने निरीक्षण के बाद मंडी के अधिकारियों को बेहतर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने ३० सितंबर को किसानों की समस्या को लेकर खबर प्रकाशित की थी।
कलेक्टर तेजस्वी एस. नायक ने शक्रवार दोपहर बडोरा स्थित कृषि उपज मण्डी का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने कृषक विश्राम गृह को भी देखा। उन्होंने मण्डी सचिव को निर्देश दिए कि कृषक विश्राम गृह के लिए अन्यत्र उपयुक्त जगह की तलाश की जाए। मौजूदा कृषक विश्राम गृह में स्वच्छता रखने और पुताई करने निर्देश दिए। कृषकों के लिए मण्डी परिसर में संचालित भोजन शाला का भी कलेक्टर द्वारा निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने विधिवत् टोकन खरीदकर वहां मौजूद कृषकों के साथ भोजन किया और गुणवत्ता देखी। कलेक्टर ने भोजन के लिए उपयोग में लाई गई अपनी थाली को स्वयं धोकर स्वच्छता का संदेश भी दिया। भोजनशाला के बाजू में एक शेड निर्माण करने के मण्डी सचिव को निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने मण्डी में उपज विक्रय व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए किसानों से चर्चा की। यहां बिक रहे मक्का, सोयाबीन एवं अन्य अनाज की जानकारी ली। मण्डी में आने वाले वाहनों के निर्गम के लिए रास्ता बनाने की व्यवस्था का निरीक्षण किया। अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर मण्डी परिसर में सौंदर्यीकरण के लिए मण्डी सचिव को निर्देश दिए।
चॉबी नहीं मिले तो तुड़वाएं ताले
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर किसानों के विश्राम गृह पहुंचे। यहां पर दो कमरों में ताला लगा हुआ था। कलेक्टर ने कमरे खुलवाने के लिए कहा,लेकिन चॉबी ही नहीं मिली। जिस पर कलेक्टर ने दोनों कक्षों के ताले तुड़वा दिए। एक कमरे को मंडी द्वारा स्टोर बना दिया गया था। वही दूसरे कमरे में पलंग हुआ था। जिस पर मंडी के ही इंजीनियर निवास करते हैं।