पढ़े, पारा 7.7 डिग्री पर लुढ़का, घास पर थम गई ओस की बूंदे
बेतुलPublished: Dec 06, 2019 09:19:02 pm
उत्तर भारत में बर्फबारी के बाद आसमान साफ होते ही ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान २.८ डिग्री गिरावट के साथ ७.७ डिग्री पर जा पहुंचा।
बैतूल। उत्तर भारत में बर्फबारी के बाद आसमान साफ होते ही ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान २.८ डिग्री गिरावट के साथ ७.७ डिग्री पर जा पहुंचा। जिससे मैदान में लगी घास पर ओस की बूंदे थम गई थी। वहीं अधिकतम तापमान में २७ डिग्री से लुढ़कर २५.५डिग्री पर पहुंच गया है। नवंबर माह के बाद पहली बार तापमान में ७ डिग्री पर पहुंचा है। हालांकि ठंड का असर अक्टूबर माह के अंत से ही शुरू हो जाता है लेकिन इस बार नवंबर माह बीतने के बाद भी ठंड का असर नहीं लग रहा था।गुरुवार को जिस तरह से तापमान में गिरावट आई है उससे आगामी दिनों में ठंड का असर तेजी से बढऩे वाला है। कड़ाके की ठंड और शीत लहर की चपेट में कभी भी शहर आ सकता है। कल रात ठंड की वजह से लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा।
अलाव के सरकारी इंतजाम नहीं
जिस तरह से एक ही दिन में तापमान में २.८ डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है उसे देखते हुए दो-तीन दिनों में तापमान और नीचे लुढ़क सकता है। ऐसे में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए अभी तक सरकारी इंतजाम नहीं किए गए हैं। सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक-चौराहों, रेन बसेरा आदि जगहों पर नगरपालिका द्वारा अलावा की व्यवस्था की जाती है लेकिन अभी लोग स्वयं ही ठंड से बचने के लिए लकडिय़ां एकत्रित कर अलाव जला रहे हैं। लोगों का कहना था कि सार्वजनिक स्थानों पर अलाव शुरू कर देना चाहिए ताकि आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड से लोगों को राहत मिल सके।
इनका कहना
– उत्तर में बर्फबारी की वजह से तापमान में गिरावट आई है। अभी १०-१२ दिसंबर तक मौसम ऐसा ही बने रहने की संभावना है। इस दौरान मौसम साफ होने पर तापमान में और गिरावट आ सकती है। यदि न्यूनतम तापमान ७ डिग्री से नीचे जाता है तो पाल पडऩे की संभावना बनती है।
– डॉ विजय कुमार पराठकर, मौसम वैज्ञानिक छिंदवाड़ा।