scriptपढ़े, वाहन नहीं मिला तो पैदल ही घरों की ओर चल पड़े मजदूर | Read, the workers walked towards the houses on foot | Patrika News

पढ़े, वाहन नहीं मिला तो पैदल ही घरों की ओर चल पड़े मजदूर

locationबेतुलPublished: Mar 27, 2020 08:59:27 pm

Submitted by:

Devendra Karande

सड़कों पर सन्नाटा पसरा है लेकिन कुछ मजबूर कदम सामान लादे एक लंबे सफर पर निकल चुके हैं।यह सफर कितने दिनों में पूरा होगा यह उन्हें भी नहीं पता, लेकिन शहर में रोटी के लिए जूझते इन मजदूरों ने लॉकडाउन में भी अपने घर जाने का फैसला कर लिया है। सफर लंबा है कोई महाराष्ट्र से तो कोई राजस्थान से घर लौट रहो है।

पैदल अपने घरों को लौटते हुए मजदूर

Workers returning to their homes on foot

सांवलमेंढा। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है लेकिन कुछ मजबूर कदम सामान लादे एक लंबे सफर पर निकल चुके हैं।यह सफर कितने दिनों में पूरा होगा यह उन्हें भी नहीं पता, लेकिन शहर में रोटी के लिए जूझते इन मजदूरों ने लॉकडाउन में भी अपने घर जाने का फैसला कर लिया है। सफर लंबा है कोई महाराष्ट्र से तो कोई राजस्थान से घर लौट रहो है। साधन नहीं होने के कारण पैदल ही सफर करना पड़ रहा है। राजस्थान में मजदूरी करने गए मजदूर लॉक डाउन की वजह से फंस गए थे। साधन नहीं मिलने के कारण जिले की बॉर्डर तक तो वे ट्रकों में भेंड बकरियों की तरह भरकर आए लेकिन अब उन्हें घर लौटने के लिए पैदल ही लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में भी मजूदरी करने गए लोग पैदल ही घरों को लौट रहे हैं। राजस्थान से लौटे मजदूरों को सांवलमेढ़ा में समाजसेवियों द्वारा रोककर भोजन कराया गया। यह मजदूर महाराष्ट्र के खेड़ और बैतूल जिले के निबोडा के बताए जाते हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र प्रांत में मजदूरी करने गए मजदूर भी लॉक डाउन की वजह से फंसे हुए हैं। साधन नहीं मिलने के कारण वे पैदल ही घरों की ओर चल पड़े हैं। यह मजदूर करजगांव, खोमई जा रहे थे। बताया गया कि देश भर से बड़ी संख्या में मजूदरों का पलायन जारी है। बसें, ट्रेन व अन्य आवागमन के साधन बंद होने के कारण मजदूरों को भूखे-प्यासे रहकर पैदल ही लंबा सफर तय करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने खुद को किया लॉक डाउन, सड़क पर लिखा संदेश
बैतूल/रंभा। भैंसदेही ब्लॉक की ग्राम पंचायत कुनखेड़ी के युवाओं ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए खुद बचो, देश बचाओ, भारत सरकार को सहयोग प्रदान करें जैसा स्लोगन सड़क पर लिखा है। गांव जाने वाली मुख्य सड़क को तार और लकड़ी की बेरिकेटिंग लगाकर खुद को लॉक डाउन कर लिया है। सुबह से युवाओं की टोली अलग-अलग दल बनाकर यहां पर निगरानी रखे हुए हैं ताकि बाहर से कोई गांव में प्रवेश न करें।
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